नोबेल-पुरस्कार NOBEL PRIZE पुरस्कार वितरण की प्रक्रिया क्या है?
हम साल में दो बार (यानी अक्टूबर और दिसंबर में) नोबेल पुरस्कारों के बारे में सुनते हैं। अक्टूबर में नोबेल समिति विजेताओं के नाम की घोषणा करती है और दिसंबर में विजेताओं को उनका पुरस्कार मिलता है। लेकिन अब मन में सवाल आता है कि आखिर ये अवॉर्ड क्यों दिए जा रहे हैं और किस सस्था द्वारा इसे प्रदान किया जाता हैं । ऐसे ही कई और सवाल। नोबेल-पुरस्कार NOBEL PRIZE पुरस्कार वितरण की प्रक्रिया क्या है?संपादकीय के इस संस्करण में इन सभी सवालों के जवाब खोजते हैं।
नोबेल-पुरस्कार NOBEL PRIZE पुरस्कार वितरण की प्रक्रिया क्या है?
पृष्ठभूमि का इतिहास:
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ऐल्फ्रेड बर्नार्ड नोबेल का जन्म 1833 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुआ था। 9 वर्ष की आयु में वह अपने परिवार के साथ रूस चले गए नोबेल । यहां रसायन विज्ञान की पढ़ाई के दौरान उन्होंने स्वीडिश, रूसी, अंग्रेजी, फ्रेंच और जर्मन भाषाएं सीखीं। यूं तो उद्योगपति अल्फ्रेड नोबेल के नाम 355 पेटेंट थे, लेकिन उन्होंने डायनामाइट के आविष्कारक के तौर पर सबसे ज्यादा पहचाना गया। उन्होंने लगभग 355 आविष्कार किए थे। साल 1867 में नोबेल ने अत्यंत विस्फोटक डायनामाइट का आविष्कार किया था।
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अपने जीवनकाल में उन्होंने डायनामाइट की 90 फैक्ट्रियां खोलीं. उस दौर में इन्हें ‘यूरोप का सबसे अमीर अवारा’ कहा जाता था। एक दौर ऐसा भी आया जब डायनामाइट का गलत इस्तेमाल बढ़ने लगा, इससे कई लोगों को नुकसान पहुंचा। उनका दु:ख देखते हुए मानवता के हित में कदम उठाया। उन्होंने अपनी वसीयत में सम्पत्ति में से पुरस्कार देने की इच्छा जताई। 1896 में हुई उनकी मौत के 4 साल बाद 29 जून 1901 को पुरस्कार के वितरण के लिए नोबेल फाउंडेशन की स्थापना हुई।
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10 दिसंबर 1896 को अपने निधन से पहले उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया था। उनकी इच्छा थी कि उनकी संपत्ति से मिलने वाले ब्याज के पैसों से हर साल ऐसे लोगों को सम्मानित किया जाए, जिन्होंने मानव जाति के कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण काम किया हो।
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स्वीडिश बैंक में जमा इसी राशि के ब्याज से नोबेल फाउँडेशन द्वारा हर वर्ष शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र में सर्वोत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। नोबेल फ़ाउंडेशन की स्थापना 29 जून 1900 को हुई तथा 1901 से नोबेल पुरस्कार दिया जाने लगा।
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अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की शुरुआत 1968 से की गई। पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में रेड क्रॉस के संस्थापक ज्यां हैरी दुनांत और फ़्रेंच पीस सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष फ्रेडरिक पैसी को संयुक्त रूप से दिया गया।
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नोबेल फाउंडेशन
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नोबेल फाउंडेशन का प्रारम्भ 29 जून 1900 में हुआ। इसका उद्देश्य नोबेल पुरस्कारों का आर्थिक रूप से संचालन करना है।
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नोबेल के वसीहतनामे के अनुसार उनकी 94% से ज्यादा वसीहत के मलिक वो लोग है जिन्होने मानव जाति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में उत्तम कार्य किया है। इसलिए प्रत्येक वर्ष उस वसीहत की ब्याज की राशि उन लोगो को ईनाम के रूप में दी जाती है।
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नोबेल फाउंडेशन में 5 लोगों की टीम है जिसका मुखिया स्वीडन की किंग ऑफ काउन्सिल द्वारा तय किया जाता है अन्य चार सदस्य पुरस्कार वितरक संस्थान के न्यासी (ट्रस्टियों) द्वारा तय किए जाते हैं।
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स्टॉकहोम में नोबेल पुरस्कार सम्मान समारोह का मुख्य आकर्षण यह होता है कि सम्मानप्राप्त व्यक्ति स्वीडन के राजा के हाथों पुरस्कार प्राप्त करते है।
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नोबेल पुरस्कार विवाद
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द्वितीय विश्व युद्ध (1938-39 में) के दौरान, एडॉल्फ हिटलर ने जर्मनी के तीन पुरस्कार विजेताओं (उनके पुरस्कार स्वीकार करने से) को मना कर दिया। तीन जर्मनों, रिचर्ड कुहन (रसायनशास्त्र, 1938), अडोल्फ बुटेनंट (रसायनशास्त्र, 1939), एवं गरहार्ड डोमाग्क (औषधी, 1939), और सोवियत यूनियन की सरकार ने बोरिस पास्टरनाक (साहित्य, 1958) को पुरस्कार नहीं लेने के लिए दबाव डाला।
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स्वीडन द्वितीय विश्व युद्ध में तटस्थ था, फिर भी युद्ध के वर्षों के दौरान पुरस्कार अनियमित रूप से वितरित किए गए थे। 1939 में, शांति पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया गया था। जर्मनी द्वारा नॉर्वे पर कब्जे के कारण 1940 से 1942 तक किसी भी श्रेणी में कोई पुरस्कार नहीं दिया गया था। बाद के वर्ष में, साहित्य और शांति को छोड़कर सभी पुरस्कार प्रदान किए गए।
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पुरस्कार वितरण की प्रक्रिया क्या है?
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नामांकन:
सितंबर में नोबेल समिति द्वारा लगभग 3,000 व्यक्तियों को नामांकन फॉर्म भेजे जाते हैं, द नार्वेजियन नोबेल कमेटी नामांकन प्राप्त करना शुरू करती है. इन्हें संसद सदस्यों, सरकारों, अंतरराष्ट्रीय अदालतों, यूनिवर्सिटी के कुलपतियों, प्रोफेसरों, शांति संस्थानों, विदेश नीति संबंधी संस्थाओं के लीडर्स या पूर्व नोबल पीस प्राइज विनर्स या नोबल पीस प्राइज कमेटी के मौजूदा या पूर्व सदस्यों या इससे जुड़े सलाहकारों के जरिए मिलती है। ये काम करीब 05 महीने तक चलता रहता है।
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चयन:
नोबेल समिति तब प्रासंगिक क्षेत्रों के विशेषज्ञों की सलाह को दर्शाते हुए एक रिपोर्ट तैयार करती है। यह, प्रारंभिक उम्मीदवारों की सूची के साथ, पुरस्कार देने वाले संस्थानों को प्रस्तुत किया जाता है।
जिन कैटेगरी में नोबेल पुरस्कार दिया जाता है, उसके लिए कोई भी नामांकन पत्र जमा कर सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, नामांकन को अगले 50 सालों तक गुप्त रखा जाता है। हालांकि, इसे जमा करने वाले अपने नाम को सार्वजनिक कर सकते हैं। शांति पुरस्कार समिति एकमात्र ऐसी समिति है, जो नियमित रूप से पिछले वर्ष हासिल की गई उपलब्धियों के आधार पर विजेताओं को पुरस्कृत करती है।
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रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज – रसायन विज्ञान; भौतिक विज्ञान; अर्थशास्त्र
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कैरोलिंस्का संस्थान में नोबेल सभा – फिजियोलॉजी /
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स्वीडिश अकादमी – साहित्य
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नॉर्वेजियन नोबेल समिति – शांति
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इन संस्थानों के सदस्य बहुमत से प्रत्येक क्षेत्र में पुरस्कार विजेता या पुरस्कार विजेताओं का चयन करने के लिए मिलते हैं। उनके फैसले, जिसके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती है, मतदान के तुरंत बाद घोषित किया जाता है। प्रति पुरस्कार अधिकतम तीन पुरस्कार विजेताओं और दो अलग–अलग कार्यों का चयन किया जा सकता है।
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ये पुरस्कार शांति पुरस्कार को छोड़कर केवल व्यक्तियों को दिए जाते हैं जो केवल संस्थानों को दिया जाता है।
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शांति नोबेल पुरस्कार विजेता के अलावा और सभी क्षेत्रों के नोबेल पुरस्कार विजेताओं को स्टॉकहोम, स्वीडन में पुरस्कार दिया जाता है । नोबेल शांति पुरस्कार विजेता को ओस्लो, नॉर्वे में पुरुस्कार से समान्नित किया जाता है ।
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क्या कोई उम्मीदवार अपनी मृत्यु के बाद पुरस्कार प्राप्त कर सकता है?
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वर्तमान में, मरणोपरांत नामांकन की अनुमति नहीं है, 1974 के बाद से, यह निर्णय लिया गया है कि अक्टूबर की घोषणा के समय पुरस्कार विजेताओं को जीवित रहना चाहिए।
नए आविष्कार/खोज को दिए जाने वाले पुरस्कार की समयावधि क्या है?
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पहले पुरस्कार “हालिया खोजों“ को दिया जाता था, लेकिन अब यह “पूर्ववर्ती वर्ष“ में बदल गया है। क्योंकि उन शुरुआती खोजों में से कुछ को बाद में बदनाम कर दिया गया था। उदाहरण के लिए, जोहान्स फिबिगर को एक परजीवी की कथित खोज के लिए फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 1926 के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जिसने कैंसर का कारण बना लेकिन बाद में इसे बदनाम कर दिया गया।
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इस शर्मिंदगी से बचने के लिए, पुरस्कारों ने तेजी से वैज्ञानिक खोजों को मान्यता दी जो समय की कसौटी पर खरे उतरे थे।
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नोबेल पुरस्कार समिति के अनुसार मानदंड ‘पिछले वर्ष‘ की व्याख्या नोबेल असेंबली द्वारा उस वर्ष के रूप में की जाती है जब खोज का पूरा प्रभाव स्पष्ट हो गया है।
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विनर को कितनी प्राइज मनी मिलती है?
1901 में इसकी शुरुआत नोबेल शांति पुरस्कार से हुई। पुरस्कार किसे मिलेगा इसके चयन के लिए नोबेल फाउंडेशन की टीम नाम तय करती है, लेकिन अंतिम फैसला स्वीडन का किंग ऑफ काउंसिल करता है। नोबेल विजेता को स्वर्ण पदक, प्रमाण पत्र और नौ लाख डॉलर यानी 7 करोड़ 36 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है। विजेताओं की घोषणा अक्टूबर में होती है, लेकिन पुरस्कार का वितरण हर साल 10 दिसम्बर को होता है। यही वो तारीख है जब अल्फ्रेड नोबेल का निधन हुआ । 1901 से 2021 तक अलग–अलग क्षेत्रों में 609 नोबेल पुरस्कार दिए जा चुके हैं।
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नोट–
नोबेल पुरस्कार हर वर्ष उन लोगों और संस्थाओं को प्रदान की जाती है जिन्होंने चिकित्सा, भौतिकी, रसायन विज्ञान, साहित, शांति, अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया हो। र्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत 1968 में स्वीडन की केंद्रीय बैंक स्वेरिंज रिक्सबैंक द्वारा की की गई थी। यह पुरस्कार अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य करने वाले लोगों और संस्थाओं को हर वर्ष दिया जाता है। छह विजेताओं ने एक से अधिक बार नोबेल पुरस्कार जीता. इनमें, द इंटरनेशनल कमिटी ऑफ द रेड क्रॉस सोसाइटी ने तीन बार नोबेल शांति पुरस्कार जीता, जो किसी अन्य से ज्यादा है। पहली महिला नोबेल पुरस्कार विजेता मेरी क्यूरी थी, जिन्होंने 1903 में भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
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इस बार किसे नोबेल पुरस्कार 2022 प्राप्त हुआ है?
अर्थशास्त्र नोबेल पुरस्कार 2022
हाल ही में 10 अक्टूबर 2022 को स्टॉकहोम में रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज ने अर्थशास्त्र (Economics) में नोबेल पुरस्कार से इस साल अमेरिका के तीन अर्थशास्त्रियों को चुना गया है।
जिनमे अमेरिकी अर्थशास्त्री ‘बेन एस बर्नान्के, डगलस डब्ल्यू डायमंड और फिलिप एच डायबविग को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार 2022 देने की घोषणा की गयी है|
इन तीनो अर्थशास्त्रीयो को ‘बैंकों और वित्तीय संकट पर शोध’ के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।
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जबकि पिछले वर्ष 2021 में भी तीन अमेरिकी अर्थशास्त्रीयो ‘डेविड कार्ड’, ‘जोशुआ डी एंग्रिस्ट’ और ‘गुइडो डब्ल्यू इम्बेन्स’ को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
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इन तीनो ने अनपेक्षित प्रयोगों या तथाकथित “प्राकृतिक प्रयोगों” से निष्कर्ष निकालने पर काम करने के लिए अर्थशास्त्र के लिए 2021 का नोबेल पुरस्कार जीता था।
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साहित्य नोबेल पुरस्कार 2022
अभी हाल ही में 6 अक्टूबर 2022 को साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है.
इस वर्ष 2022 के लिए फ्रेंच लेखिका “एनी एनॉक्स (Annie Ernaux)” को 2022 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाएगा .
“एनी एनॉक्स (Annie Ernaux)” को इनकी किताब ‘For the Courage and Clinical Acuity’ के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
“एनी एनॉक्स (Annie Ernaux)” की यह किताब व्यक्तिगत स्मृति की जड़ों, व्यवस्थाओं और सामूहिक प्रतिबंधों को उजागर करती है.
नोबेल कमेटी के अनुसार, ‘एनी एनॉक्स को उनके साहस और नैतिक सटीकता के साथ अपनी यादों की जड़ों को खोदकर, सामाजिक प्रतिबंधों को उजागर करने के लिए नोबेल के लिए चुना गया है.’
कौन हैं एनी एनॉक्स (Annie Ernaux)?
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फ्रांसीसी लेखिका एनी एनॉक्स (Annie Ernaux) का जन्म 1940 में हुआ और वे नॉर्मंडी के छोटे से शहर यवेटोट में पली–बढ़ीं. उनके माता–पिता की एक किराने की दुकान और कैफे था. वह बचपन से महत्वाकांक्षी थी.
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अपने लेखन में, एनी लगातार और विभिन्न तरीकों से, लिंग, भाषा और वर्गों के आधार पर फैली असमानताओं पर लिखती रहीं.
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लेखन का एनी एनॉक्स (Annie Ernaux) का सफर लंबा और कठिन रहा.
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जबकि वर्ष 2021 का साहित्य नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize in Literature) तंजानिया के उपन्यासकार ‘अब्दुलरजाक गुरनाह’ को दिया गया था।
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रसायन नोबेल पुरस्कार 2022
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने 2022 के लिए रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका के ‘कैरोलिन बेरटोजी’, यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन (डेनमार्क) के ‘मॉर्टेन मिएलडॉल’ और अमेरिका के स्क्रिप्स रिसर्च सेंटर के ‘के. बैरी शार्पलेस’ को दिया गया है।
इन तीनो विज्ञानिको को यह नोबेल पुरस्कार “क्लिक केमिस्ट्री और बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री” के विकास के लिए दिया गया।
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पिछले साल रसायन विज्ञान (Chemistry) के लिए वर्ष 2021 का नोबेल पुरस्कार जर्मनी के ‘बेंजामिन लिस्ट’ और अमेरिका के ‘डेविड मैकमिलन’ को दिया था.
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दोनों वैज्ञानिकों को यह सम्मान “अणुओं के निर्माण के लिए एक सरल उपकरण” बनाने के लिए दिया गया है.
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भौतिकी नोबेल पुरस्कार 2022
अभी हाल ही में 4 अक्टूबर 2022 को रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने फ्रांस के एलेन एस्पेक्ट, अमेरिका के जॉन एफ क्लॉजर और ऑस्ट्रिया के एंटोन ज़िलिंगर को भौतिकी में 2022 नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया है.
इन तीनों वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार क्वांटम इन्फॉर्मेशन साइंस और फोटोन्स पर रिसर्च के लिए दिया गया है.
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जबकि 2021 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन लोगो को दिया गया था.
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जिनमे जापान के ‘स्यूकूरो मनाबे’, जर्मनी के ‘क्लॉस हैसलमैन’ और इटली के ‘जॉर्जियो पारिसी’ शामिल थे|
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इन तीनो वैज्ञानिको को जलवायु संबंधी खोजों के लिए 2021 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था|
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मेडिसिन नोबेल पुरस्कार 2022
अभी हाल ही में 3 अक्टूबर 2022 को स्वीडन के वैज्ञानिक “स्वंते पाबो” को फिजियोलॉजी (मेडिसिन) के लिए नोबेल प्राइज 2022 (Nobel Prize 2022) से सम्मानित किया गया है.
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स्वंते पाबो को विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से जुड़ी खोजों के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।
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नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) विज्ञान की दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है.
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नोबेल पुरस्कार स्वीडन के करोलिंस्का संस्थान की नोबेल असेंबली द्वारा प्रदान किया जाता है.
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स्वंते पाबो एक स्वीडिश जेनेटिस्ट (Geneticist) हैं जो विकासवादी आनुवंशिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं.
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पैलियोजेनेटिक्स के संस्थापकों में से एक के रूप में, उन्होंने निएंडरथल जीनोम पर बड़े पैमाने पर काम किया है.
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स्वंते पाबो ने पहले अज्ञात होमिनिन, डेनिसोवा की सनसनीखेज खोज भी की है.
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जबकि पिछली बार 2021 में फिजियोलॉजी (मेडिसिन) के लिए नोबेल प्राइज 2021 से दो वैज्ञानिको डेविड जूलियस (David Julius) और अर्डेम पटापौटियन (Ardem Patapoutian) को सम्मानित किया गया था।
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शांति नोबेल पुरस्कार
वर्ष 2022 का नोबेल शांति पुरस्कार बेलारूस के मानवाधिकार अधिवक्ता एलेस बालियात्स्की, रूसी मानवाधिकार संगठन मेमोरियल और यूक्रेनी मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज़ को प्रदान किया गया।
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यह पुरस्कार कई वर्षों तक उनके योगदान को मान्यता देता है, जो सत्ता की आलोचना करने के अधिकार को बढ़ावा देता है और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है।
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पुरस्कार विजेताओं के बेलारूस, यूक्रेन और रूस से होने के कारण, रूस–यूक्रेन के मध्य चल रहे संघर्ष के बारे में एक निहित संदेश भेजा गया है।
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वर्ष 2021 में फिलीपींस के पत्रकार मारिया रसा (Maria Ressa) और रूस के दिमित्री मुरातोव (Dmitry Muratov) को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के प्रयासों के लिये नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो लोकतंत्र और स्थायी शांति के लिये एक पूर्व शर्त है।
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साहित्य, रसायन विज्ञान, भौतिकी और चिकित्सा के लिये 2022 के अन्य नोबेल पुरस्कारों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।
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पुरस्कार विजेता:
बेलारूस के एलेस बियालियात्स्की:
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एलेस बियालियात्स्की 1980 के दशक के मध्य बेलारूस में लोकतंत्र आंदोलन के आरंभकर्त्ताओं में से एक थे।
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राष्ट्रपति (अलेक्जेंडर लुकाशेंको) को तानाशाही शक्तियाँ प्रदान करने वाले विवादास्पद संवैधानिक संशोधनों के जवाब में वर्ष 1996 में संगठन वियासना (स्प्रिंग) की स्थापना का श्रेय बियालियात्स्की को दिया जाता है।
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समय बीतने के साथ वियासना एक “व्यापक–आधार वाले मानवाधिकार संगठन में विकसित हुआ जिन्होंने राजनीतिक कैदियों के खिलाफ अधिकारियों द्वारा यातना के उपयोग का दस्तावेजीकरण और विरोध किया।
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वर्ष 2020 में वह स्वीडिश राइट लाइवलीहुड फाउंडेशन द्वारा राइट लाइवलीहुड अवार्ड के तीन प्राप्तकर्त्ताओं में से एक थे, जिसे “वैकल्पिक नोबेल” के रूप में जाना जाता है।
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जेल में रहते हुए नोबेल पुरस्कार पाने वाले वे चौथे व्यक्ति हैं।
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रूसी मानवाधिकार संगठन, मेमोरियल:
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इस संगठन की स्थापना वर्ष 1987 में “पूर्व सोवियत संघ में मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं द्वारा की गई थी, जो यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि कम्युनिस्ट शासन के उत्पीड़न के पीड़ितों को कभी विस्मृत नहीं किया जाएगा।
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वर्ष 1954 में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंद्रेई साखारोव और मानवाधिकार अधिवक्ता स्वेतलाना गनुश्किना इस संगठन के संस्थापकों में से थे।
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इसे रूस के सबसे बड़े मानवाधिकार संगठन के रूप में वर्णित किया गया है और वर्तमान में इसने “रूस में राजनीतिक उत्पीड़न एवं मानवाधिकारों के उल्लंघन“ के विषय में जानकारी एकत्र करने में मदद की है।
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यूक्रेनी मानवाधिकार संगठन, सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज़:
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सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज़ की स्थापना वर्ष 2007 में “यूक्रेन में मानवाधिकारों और लोकतंत्र को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से” कीव में की गई थी।
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केंद्र खुद को “यूक्रेन में अग्रणी अभिकर्त्ताओं में से एक के रूप में वर्णित करता है, जो ज़नमत और सार्वजनिक नीति के गठन को प्रभावित करता है, नागरिक सक्रियता के विकास का समर्थन करता है और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिये अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क एवं एकजुटता के कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेता है“।
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फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज़ यूक्रेनी नागरिक आबादी के खिलाफ रूसी “युद्ध अपराधियों” की पहचान करने और उनका दस्तावेज़ीकरण करने के प्रयासों में लगा हुआ है।
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भारत से नोबेल पुरस्कार विजेता की सूची | |||
व्यक्ति |
क्षेत्र |
वर्ष |
योगदान |
रवीन्द्रनाथ टैगोर |
साहित्य |
1913 |
साहित्यिक |
सी० वी० रमन |
भौतिक विज्ञान |
1930 |
रमण प्रभाव की खोज |
हर गोबिंद खुराना |
चिकित्सा |
1968 |
आनुवंशिक कोड |
मदर टेरेसा |
शांति |
1979 |
मानवीय कार्य. |
सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर |
भौतिक विज्ञान |
1983 |
सितारों की संरचना & अध्ययन |
अमर्त्य सेन |
आर्थिक विज्ञान |
1998 |
अर्थशास्त्र में योगदान |
वेंकटरमन रामकृष्णन |
रसायन |
2009 |
राइबोसोम की संरचना & अध्ययन |
कैलाश सत्यार्थी |
शांति |
2014 |
बच्चों के शिक्षा के अधिकार हेतु संघर्ष |
अभिजीत बनर्जी |
आर्थिक विज्ञान |
2019 |
वैश्विक गरीबी को कम करने |
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