चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS)

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS)

हाल ही में केंद्र सरकार ने पूर्वी कमान के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के रूप में नियुक्त किया।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS):

पृष्ठभूमि: इसके निर्माण की सिफारिश वर्ष 2001 में मंत्रियों के एक समूह (GoM) द्वारा की गई थी जिसे कारगिल समीक्षा समिति (1999) की रिपोर्ट का अध्ययन करने का काम सौंपा गया था।

GoM की सिफारिशों के बाद CDS के पद की स्थापना हेतु सरकार ने वर्ष 2002 में एकीकृत रक्षा स्टाफ बनाया, जिसे अंततः CDS के सचिवालय के रूप में काम करना था।

वर्ष 2012 में नरेश चंद्र समिति ने CDS पर आशंकाओं को खत्म करने के लिये चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति की सिफारिश की थी।

अंत में CDS का पद वर्ष 2019 में लेफ्टिनेंट जनरल डी.बी. शेकातकर की अध्यक्षता में रक्षा विशेषज्ञों की समिति की सिफारिशों पर बनाया गया था। जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS थे और उन्हें 31 दिसंबर, 2019 को नियुक्त किया गया था।  चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS)   

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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की भूमिका एवं ज़िम्मेदारी:

CDS ‘चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी’ के स्थायी अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है जिसमें तीनों सेवाओं के प्रमुख भी सदस्य होंगे।

उसका मुख्य कार्य भारतीय सेना की त्रिसेवाओं के बीच अधिकसेअधिक परिचालन तालमेल को बढ़ावा देना और अंतरसेवा विरोधाभास को कमसेकम करना है।

वह रक्षा मंत्रालय में नवनिर्मित सैन्य मामलों के विभाग (DMA) का प्रमुख भी है।

वह सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेगा, लेकिन इसके साथ ही तीनों सेनाओं के अध्यक्ष रक्षा मंत्री को अपनी सेनाओं के संबंध में सलाह देना जारी रखेंगे। DMA के प्रमुख के तौर पर CDS को चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष के रूप में अंतरसेवा खरीद निर्णयों को प्राथमिकता देने का अधिकार प्राप्त है।

CDS को तीनों प्रमुखों को निर्देश देने का अधिकार भी दिया गया है। हालाँकि उसे सेना के किसी भी कमांड का अधिकार प्राप्त नहीं है।

CDS का पद समकक्षों में प्रथम है, उसे DoD (रक्षा विभाग) के भीतर सचिव का पद प्राप्त है और उसकी शक्तियांँ केवल राजस्व बजट तक ही सीमित रहेंगी। वह परमाणु कमान प्राधिकरण (NCA) में सलाहकार की भूमिका भी निभाएगा।

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महत्त्व:

सशस्त्र बलों और सरकार के बीच तालमेल: CDS की भूमिका केवल त्रिसेवा सहयोग ही नहीं हैबल्कि रक्षा मंत्रालय, नौकरशाही और सशस्त्र सेवाओं के बीच बेहतर सहयोग को बढ़ावा देना भी है। वर्ष 1947 से रक्षा विभाग (DoD) के संलग्न कार्यालयके रूप में नामित त्रिसेवा मुख्यालय (SHQ) हैं। इसके कारण SHQ और DoD के बीच संचार मुख्य रूप से फाइलों के माध्यम से होता है ।रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार (PMA) के रूप में CDS की नियुक्ति से निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेज़ी आएगी।चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS)

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS)

थियेटर कमांड का संचालन: यद्यपि अंडमान और निकोबार कमान में संयुक्त संचालन के लिये एक सफल ढाँचा बनाया गया था, राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी और COSC की उदासीनता के कारण यह संयुक्त कमान निष्क्रिय बना हुआ है। थियेटर कमांड को थल सेना, नौसेना और वायु सेना को तैनात करने के लिये जानकारी एवं अनुभवी कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। इन्हें CDS द्वारा सर्वोत्तम रूप से लागू किया जाएगा।   

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