G20 की अध्यक्षता भारत अब करेगा
भारत जैसे विकासशील राष्ट्र कोG-20 की अध्यक्षता मिलना बहुत महत्वपूर्ण सफलता है और भारत पूर्ण रूप से इसकी मेजबानी के लिए तैयार है G20 तथा SCO जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक संगठनों की अध्यक्षता करना न केवल भारत बल्कि अन्य विकासशील देशों के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है इन संगठनों का नेतृत्व करते हुए भारत विकासशील देशों के लिए विशेष महत्व रखने वाले सामाजिक आर्थिक क्षेत्रों की प्राथमिकताओं का निर्धारण कर सकता है G-20 की अध्यक्षता INDIA अब करेगा G-20 की अध्यक्षता INDIA अब करेगा साथ ही भारत ऊर्जा कृषि डिजिटल अर्थव्यवस्था व्यापार और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहुपक्षीय वैचारिक एकता के निर्माण तथा विभिन्न देशों के समर्थन से सामान्य नीतियों को भारत लागू करने का प्रयास करेगा भारत को सितंबर 2023 तक अगले वर्ष के लिए शंघाई सहयोग संगठन एसीओ का अध्यक्ष बनाया गया है अगले वर्ष शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत द्वारा की जाएगी भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G20 समूह का अध्यक्ष रहेगा और देश भर में लगभग 200 से अधिक बैठकों का आयोजन किया जाएगा। भारत को मिली महत्वपूर्ण सफलता अनेक वैश्विक चुनौतियों के कारण विश्व के विभिन्न मंचों एवं समूह की अध्यक्षता मिलना भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के प्रभाव को दिखाता है 21 वी शताब्दी के पहले दशक में भारत ने तेज गति से आर्थिक विकास के साथ दूसरे दशक में अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी भूमिका निभाने के साथ पेरिस जलवायु समझौता हाल ही में एक महत्वपूर्ण उदाहरण है वैश्विक समुदाय में भारत की साथ एक सॉफ्ट पावर देश के रूप में प्रचलित है एक तरफ जहां अमेरिका रूस और चीन जैसे देश आपसी तनाव का सामना कर रहे हैं वहीं भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा स्वीकार करना एक अच्छा संकेत है।
5G Spectrum Auction advantages of 5G
G20 की अध्यक्षता भारत अब करेगा
महत्व
G-20 की अध्यक्षता INDIA अब करेगाभारत इन अवसरों का लाभ उठाकर अपने राष्ट्रीय मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के साथ जोड़ सकता है और विकासशील देश होने के कारण एशिया और अफ्रीका के अन्य विकासशील देशों को एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान कर सकता है जिससे कि आने वाले समय में वैश्विक परिदृश्य में परिवर्तन देखने को मिलेगा भारत को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंच का संचालन मिलना कितना महत्वपूर्ण है वर्तमान परिदृश्य में एक तरफ विश्व में तनाव की स्थिति बनी हुई है जिसमें रूस यूक्रेन युद्ध के परिणाम स्वरूप उत्पन्न स्थिति एवं राजनीतिक संकटों के बीच विश्व पटल पर तेल लगे जैसे संसाधनों की आपूर्ति एवं कीमतों में परिवर्तन से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि विश्व की स्थिति किस दौर से गुजर रही है साथी भारत स्वतंत्र होने के बाद हमेशा गुटनिरपेक्षता की नीति का पालन किया है जिससे विश्व की शक्तियों के मध्य आपसी संतुलन बनाए रखने का कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किया है जिसका परिणाम यह है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की प्रभावी भूमिका नजर आने लगी है साथ ही भारत हमेशा वसुदेव कुटुंबकम की भावना के साथ विश्व में शांति और सुरक्षा का पक्ष चल रहा है आतंकवाद युद्ध हिंसा तथा भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर भारत हमेशा इससे पीड़ित राष्ट्रों के साथ खड़ा रहा है और अपनी सॉफ्ट पावर क्षमता के कारण भारत सामाजिक सांस्कृतिक शैक्षिक तकनीकी एवं नवा चारों के माध्यम से आपसी संबंधों को बढ़ावा दे रहा है कोबिट जैसी महामारी को निपटने में भारत ने विश्व पटल पर विभिन्न देशों की सहायता की जिसका परिणाम यह है कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर शिव कारा जाने लगा है साथ ही राष्ट्रीय मुद्दों के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के 12 जलवायु परिवर्तन स्वच्छ उर्जा शिक्षा एवं अनेक समकालीन मुद्दों पर भारत विश्व की अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसको प्रभावी रुप से उठा सकता है ।
5G Spectrum Auction advantages of 5G
Credit Card ke Fayde
G20 की अध्यक्षता भारत अब करेगा
भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर
भारत संयुक्त राष्ट्रसंघ सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता को प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रहा है एशिया का चीन एकमात्र रास्ता है जो सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य है लेकिन विश्व के जनसंख्या की दृष्टि से एशिया का सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व है भारत हमेशा सुरक्षा परिषद के विस्तार की वकालत कर रहा है साथ ही पड़ोसी देशों के साथ विवादों का निपटारा भी भारत करना चाह रहा है वैश्विक मंच पर चाहे पाकिस्तान हो चीन हो बांग्लादेश हो इनके साथ सीमा विवाद की स्थिति हमेशा बनी रहती है को दूर करके भारत एशिया में शांति और सौहार्द का माहौल बनाना चाहता है साथ ही वैश्विक परिदृश्य में गरीबी और ऐसा मानता जैसी चुनौतियां विकासशील राष्ट्रों के सामने एक बड़ी चुनौती है जिसको सब मिलकर आपस में दूर करने का प्रयास कर सकते हैं शंघाई सहयोग संगठन के सदस्यों में प्रमुख मध्य एशियाई देश शामिल है इस संगठन के माध्यम से भारत मध्य से देशों के संसाधनों तक अपनी पहुंच सुनिश्चित कर सकता है भारत उत्तर दक्षिण गलियारा परियोजना का समर्थक रहा है इन देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को सुधारने का प्रयास कर रहा है वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दे जिन्हें भारत नेतृत्व करना चाहता हैं रूस यूक्रेन संकट में भारत ने रूस के विरुद्ध मतदान में भाग नहीं लिया साथ ही यूक्रेन के नागरिकों की हत्या की आलोचना भी की है रूस से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील भी की है आतंकवाद और संगठित अपराध का भारत हमेशा विरोध करते आया है विश्व में सभी देशों में आतंकवाद के विरुद्ध एक राय बनाने में भारत अपना प्रयास कर सकता है जलवायु संबंधी मुद्दों पर एक राय बनाने का प्रयास किया जा सकता है साथी शरणार्थी समस्याओं जिसमें रोहिंग्या चकमा हाजांग तिब्बती और बांग्लादेशी शरणार्थियों के कारण माननीय नैतिक और आंतरिक सुरक्षा संबंधित समस्याओं का सामना कर रहा है भारत अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का सदस्य भी है मानवीय हितों का एक बड़ा पक्षधर भी रहा है अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट और प्रभावी नीति निर्माण के लिए प्रयास करवाया जा सकता है ।
G20 की अध्यक्षता भारत अब करेगा
निष्कर्ष
रूस चीन तथा भारत G20 तथा SCO दोनों समूह के सदस्य हैं यह देश अपने अनुभव को अन्य एशियाई देशों के साथ साझा कर सकते हैं एशिया तथा पिछड़े देशों की मांगों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभावी रूप से उन्हें मंच प्रदान किया जा सकता है साथी जलवायु परिवर्तन आतंकवाद भ्रष्टाचार जो एक विश्व के सामने बड़ी समस्या है उन समस्या से कैसे निपटा जा सकता है इसके लिए क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी ढांचा जो है SCO का एक अच्छा उदाहरण है इसके माध्यम से विश्व के अन्य मंच ऊपर भी इसे प्रभावी रूप से लागू करवाया जा सकता है अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत अपनी भूमिका और बेहतर तरीके से निर्वाह करने में सक्षम होगा तथा अन्य विकासशील देशों के लिए एक अच्छा मार्गदर्शन की भूमिका भी निभाते हुए नजर आएगा ।
* * *SEE HER