World Trade Organization WTO //भारतीय संबंधों की समीक्षा

World Trade Organization //भारतीय संबंधों की समीक्षा

World Trade Organization एक अंतरराष्ट्रीय संगठन जिसमें विश्व के 164 सदस्य देशो से बना संगठन जो राष्ट्रों के बीच व्यापार को सुनिश्चित करने वाले वैश्विक नियमों से संबंधित है

World Trade Organization //भारतीय संबंधों की समीक्षा

World Trade Organization //भारतीय संबंधों की समीक्षा

विश्व व्यापार संगठन का मुख्य कार्य

World Trade Organization //भारतीय संबंधों की समीक्षा

वैश्विक व्यापार राष्ट्रों के बीच स्वतंत्र व्यवस्थित और सुचारू रूप से व्यवस्था को लागू करना और उनका निरीक्षण करना है हाल ही में 12 मंत्री स्तरीय सम्मेलन 12 से 17 जून 2022 को स्विजरलैंड के जिनेवा में संपन्न हुआ बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के कामकाज की समीक्षा करने विश्व व्यापार संगठन के भविष्य की कार्यप्रणाली पर कार्यवाही करने के लिए विश्व भर के मंत्रियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया शिवजी लैंड के साथ इस सम्मेलन की मेजबानी कजाकिस्तान द्वारा की गई इसकी तथाकथित कजाकिस्तान के राष्ट्रपति के ऊपर मुख तैमूर सुलेमनोव ने की थी कजाकिस्तान मुहूर्त जून 2020 में 12वीं मंत्री स्तरीय सम्मेलन की मेजबानी करने वाला था लेकिन कोविड-19 की महामारी के कारण इस सम्मेलन को टाल दिया गया था विश्व व्यापार संगठन का मंत्री स्तरीय सम्मेलन इस संगठन में निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय मौजूदा नियमों को बदलने वाले नए नियम बनाने की शक्ति से प्राप्त है इस निकाय के द्वारा निर्णय लिए जाने पर 164 सदस्यों से बाध्यकारी होते हैं 2022 का मंत्री स्तरीय सम्मेलन स्वास्थ्य खाद्य सुरक्षा सुधार जैसे विषयों को संबोधित करने वाला व्यापार समझौते के साथ संपन्न हुआ

World Trade Organization //भारतीय संबंधों की समीक्षा

भारत एवं विश्व व्यापार संगठन के साथ संबंध

World Trade Organization //भारतीय संबंधों की समीक्षा

भारत जनवरी 1995 में सही विश्व व्यापार संगठन का सदस्य देश रहा है इसके पहले जुलाई 1948 से ट्रैफिक एवं व्यापार सामान्य समझौते गेट का सदस्य देश भी रहा है एक विकासशील देश के रूप में भारत ने विश्व व्यापार संगठन की कार्यवाही में विशेष रूप से अपनी चिंताओं और संपूर्ण विकासशील विश्व के विभिन्न देशों की आवाज उठाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है भारत ने हमेशा ही विश्व व्यापार संगठन के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन किया है तथा उनके साथ किए गए समझौते के तहत इस संगठन का हमेशा सम्मान किया है भारत के अन्य देशों के साथ विभिन्न व्यापारिक संबंधी विवादों को विश्व व्यापार संगठन के माध्यम से सुलझाया गए हैं भारत में प्रमुख व्यापार नीतियों के प्रभावी निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है विश्व व्यापार संगठन के सदस्य होने के कारण भारत कई देशों के साथ वर्तमान में व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा दे रहा है विश्व के अंदर स्वस्थ व्यापार हो वैश्वीकरण के इस दौर में लगातार भारत विभिन्न देशों के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत कर रहा है

World Trade Organization //भारतीय संबंधों की समीक्षा

विश्व व्यापार संगठन की नीतियों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

विश्व व्यापार संगठन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रभाव पड़े हैं लेकिन भारत जैसे विकासशील राष्ट्र जो विश्व में अभी उभरती हुई अर्थव्यवस्था है उसमें निर्यात में वृद्धि विश्व व्यापार संगठन की स्थापना के बाद भारत अपने द्वारा निर्माण की गई विभिन्न वस्तुओं का विश्व के अन्य देशों के साथ निर्यात कर रहा है और 2022 में लगभग कुल निर्यात लगभग 57.03 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जो पिछले वर्ष की तुलना में 25.41% अधिक है भारत में विश्व व्यापार संगठन के अस्तित्व में आने के बाद कृषि तकनीक में लगातार वृद्धि हो रही है निर्यात में वृद्धि हो रही है भारतीय विदेशी मुद्रा में लगातार वृद्धि हो रही है नई प्रौद्योगिकी का विकास हो रहा है विश्व के विभिन्न देश भारत में निवेश कर रहे हैं विश्व की मल्टीनेशनल कंपनियां भारत की ओर आकर्षित हो रही है और व्यापार से आयात करने वाले देशों के बाजार पर भारत की पकड़ मजबूत हो रही है  बौद्धिक गुणों का संरक्षण हो रहा है 2022 में भारत का कृषि निर्यात $50 अरब को पार कर गया है इसका कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ा है जिसमें बौद्धिक संपदा अधिकारों का संरक्षण विश्व व्यापार संगठन की प्रमुख चिंताओं में से एक रहा है इसके सदस्य के रूप में भारत को टिप्स मानकों का पालन करना होता है हालांकि टिप्स समझौता भारतीय पेटेंट अधिनियम 1970 के खिलाफ जाता है इसके कारण कई क्षेत्रों में समस्या उत्पन्न होती है फार्मास्यूटिकल क्षेत्र भारतीय दवा कंपनियां कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता वाली दवाओं का निर्माण कर उसे विकासशील देशों को भेज सकती है हालांकि टिप्स समझौते के तहत उत्पाद पेटेंट प्रदान किए जाने से दवाओं की कीमतों में वृद्धि हो रही है जो गरीब लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण लोगों की पहुंच से दूर कर सकता है विकासशील देशों के साथ प्रतिकूल व्यापार व्यवस्था साथी व्यापार से संबंधित निवेश उपायों पर समझौता सेवाओ में व्यापार पर सामान्य समझौता गेट के समझौते के कारण भारत में तेजी से बढ़ते सेवा क्षेत्र को बड़ी विदेशी प्रमुख  कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है जिसे कुछ चुनौतियां मिल रही है

इंटरपोल क्या है

World Trade Organization //भारतीय संबंधों की समीक्षा

World Trade Organization //भारतीय संबंधों की समीक्षा

12वीं मंत्री स्तरीय बैठक में भारत का रुख

12 से 17 जून 2022 तक स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर में संपन्न हुई बैठक में भारत के हित में मुद्दों को व्यापक रूप से संबोधित किया गया जिसमें कुछ ऐतिहासिक निर्णय किए गए वर्तमान में भारत की छवि डील ब्रेकर से डील मेकर के रूप में परिवर्तित हो गई है जो 1 वर्ष पूर्व अकल्पनीय थी। कृषि मत्स्य पालन सब्सिडी तथा टिप्स समझौते के क्षेत्रों में भारत की 3 प्रमुख मांगे थे कृषि क्षेत्र में भारत की प्रमुख मांग खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों के लिए सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग के स्थाई समाधान की थी भारत के अनुसार विश्व व्यापार संगठन को विकासशील और विकसित देशों में गरीब नागरिकों को भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार समर्थित खाद्य खरीद कार्यक्रम के लिए सब्सिडी नियमों पर फिर से बातचीत करनी चाहिए भारतीय आश्वासन चाहता है कि उसके सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग कार्यक्रम को विश्व व्यापार संगठन में अवैध रूप से चुनौती नहीं दी जाए भारत के अनुसार विश्व व्यापार संगठन को प्रणाली के संबंध में अपने मूलभूत सिद्धांतों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिएभारत ने विश्व व्यापार संगठन से ई-कॉमर्स लेनदेन पर सीमा शुल्क स्थगन की विस्तार की समीक्षा करने के लिए कहा है जिसमें डिजिटल रूप से कारोबार करने वाली वस्तुएं और सार्वजनिक सेवाएं शामिल है भारत ने कहा कि विकासशील देशों को इस तरह के स्थगन से वित्तीय परिणामों का खामियाजा तो भुगतना पड़ता है जो उद्देश्यों के लिए बहुत बड़ी चुनौती है साथ ही भारत अनेक विकासशील देशों के लिए इस सम्मेलन में उनसे संबंधित मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।

World Trade Organization //भारतीय संबंधों की समीक्षा

World Trade Organization //भारतीय संबंधों की समीक्षा

आगे की दिशा।

World Trade Organization //भारतीय संबंधों की समीक्षा

भारत ने कुछ अन्य विकासशील देशों के साथ कृषि क्षेत्र में विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में सब्सिडी और व्यापार सुविधाओं जैसे मुद्दों पर आपत्तियों को यथावत रखा और भविष्य में विश्व व्यापार संगठन की वार्ता में भारत को और अधिक रणनीतिकार दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है भारत को इस बार पक्षी संगठन में सार्थक नीतिगत सुधार के लिए संगठन में अपने भविष्य जुड़ाव का उपयोग करने की आवश्यकता है किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी को कम करने संबंधी प्रावधान के लिए भारत को हमेशा अमेरिका यूरोपीय संघ और कनाडा सहित विकसित देशों के दबाव का सामना करना पड़ रहा है वर्तमान में विकासशील और विकसित देशों के बीच की खाई कई क्षेत्रों में बढ़ गई है ऐसे में भारत को विशेष और विभेदक उपचार को जारी रखना चाहिए भारत द्वारा भौतिक वार्ताओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए क्योंकि यह वार्ताएं सम्मान दृष्टिकोण वाले प्रतिभागियों को एक विशेष विषय पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाती है विकासशील देशों के हितों को बढ़ावा देने के लिए भारत को समान विचारधारा वाले देशों को एक साथ लाने में एक प्रमुख भूमिका निभाने की आवश्यकता है साथी विश्व व्यापार संगठन की स्थापना के समय भारत के साथ उनके संबंध हमेशा अच्छे रहे हैं भारत ने लगातार इस संगठन का सम्मान किया है

World Trade Organization //भारतीय संबंधों की समीक्षा

RELETED LINKS

G-20 की अध्यक्षता INDIA अब करेगा

इंटरपोल क्या है

Rishi Sunak Biography

1 thought on “World Trade Organization WTO //भारतीय संबंधों की समीक्षा”

Leave a Comment