अपशिष्ट से ऊर्जा निर्माण//Energy Eenerationयह कितना महत्वपूर्ण

अपशिष्ट से ऊर्जा निर्माण//Energy Eenerationयह कितना महत्वपूर्ण

Energy Eenerationअपशिष्ट से ऊर्जा निर्माण अभी हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा आप सीट से ऊर्जा कार्यक्रम को शुरू करने संबंधित विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए औद्योगिक और कृषि अपशिष्ट से बिजली बायोगैस और बायो सीएनजी का उत्पादन करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं अपशिष्ट से ऊर्जा बनाने का यह वह अभिनव प्रयास है जिसके माध्यम से कचरे अपशिष्ट का उपयोग  इंधन के रूप में करके उर्जा का उत्पादन किया जाता है यह कार्यक्रम अंब्रेला योजना राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम का हिस्सा है सरकार परियोजना विकसित करने वालों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी और निरीक्षण कंपनियां सहित क्रियान्वयन एजेंसियों के माध्यम से अपशिष्ट ऊर्जा संयंत्र को चालू करने के लिए सेवा शुल्क का भुगतान भी किया जाएगा एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की वैल्यू बेस्ड रिपोर्ट के अनुसार 2052 तक इस क्षेत्र का आकार लगभग 11.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक हो सकता है अपशिष्ट से ऊर्जा निर्माण

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अपशिष्ट  से ऊर्जा निर्माण कार्यक्रम के मुख्य प्रावधान

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परियोजना का विकास करने वाले संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी और क्रियान्वयन करने वाली एजेंसियों को अपशिष्ट ऊर्जा संयंत्रों को चालू करने के लिए सेवा शुल्क का भुगतान किया जाएगा अपशिष्ट ऊर्जा कार्यक्रम एक अंब्रेला योजना है जो राष्ट्रीय जैव विकास कार्यक्रम का अभिन्न अंग है इस चरण में 858 करोड रुपए खर्च किया जाएगा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा विशिष्ट ऊर्जा कार्यक्रम के लिए 600 करोड रुपए का पहले से ही आवंटन हो चुका है नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी इस कार्यक्रम के लिए एजेंसी होगी दिशा निर्देशों के अनुसार बायोगैस परियोजनाओं के लिए मान्य केंद्रीय वित्तीय सहायता 12000 क्यूबिक मीटर प्रतिदिन के लिए ₹2500000 होगी केंद्र सरकार ने बायोगैस संयंत्रों के लिए ₹7500000 प्रति मेगावाट और मौजूदा इकाइयों के लिए 5000000 रुपए प्रति मेगावाट की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। यह अपशिष्ट ऊर्जा संयंत्र विशेष श्रेणी के राज्यों जैसे उत्तर पूर्व हिमाचल प्रदेश सिक्किम जम्मू और कश्मीर लद्दाख लक्षदीप उत्तराखंड तथा अंडमान एवं निकोबार दीप समूह में स्थापित किए जाएंगे तो मानक सीएफएल पैटर्न की तुलना में सामान्य सीएफए से 20% अधिक होगा

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अपशिष्ट ऊर्जा निर्माण के लाभ।

भारत  जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है जहां ऊर्जा की आवश्यकता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है लगातार बढ़ती मांग के कारण एवं ऊर्जा के परंपरागत स्रोतों की लगातार कमी होने के कारण अपशिष्ट पदार्थों से ऊर्जा निर्माण कर इस कमी को दूर किया जा सकता है पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि प्रदूषण कम होता है और ऊर्जा उत्पादन क्षेत्रों में अपशिष्ट पदार्थ जलाने से पर्यावरण में इसकी मात्रा में भी वर्दी नहीं होती है अपशिष्ट का लेट फील के रूप में प्रयोग करना ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन की प्रचलित पद्धति है लैंडफिल ऊर्जा बनाने में प्रयोग करने से इस कचरे की मात्रा काफी कम की जा सकती है प्रदूषण को भूजल में जाने से रोकना जिससे जहां अपशिष्ट पदार्थों के संग्रहण से उनमें उपस्थित खतरनाक रसायनों के भूजल में रसने का खतरा बना रहता है ऐसे में अपशिष्ट पदार्थों से उर्जा निर्माण से उस खतरे को कम किया जा सकता है साथ ही संसाधन की पुण्य प्राप्ति हो सकती है रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया से हम इनका उपयोग कर सकते हैं।

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अपशिष्ट ऊर्जा निर्माण की चुनौतियां।

अक्षय ऊर्जा संयंत्र में विभिन्न प्रकार की अपशिष्ट पदार्थों के पृथक्करण की कोई व्यवस्था नहीं होती है कचरे को मिश्रित रूप से जलाया जाता है जिसके परिणाम स्वरूप गीले कचरे से संयंत्र द्वारा बिजली उत्पादन प्रभावित होती है इसके अलावा जलने के बाद बचे हुए पदार्थ को पुण: उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं जिसे बाद में लैंडफिल भेजना पड़ता है अपशिष्ट उत्पादन और प्रबंधन गतिविधियों में भारत में अपशिष्ट पदार्थ प्रबंधन की क्षमता उस गति के साथ नहीं बढ़िया जिस गति के साथ बढ़ना चाहिए भारत में पैदा होने वाले अपशिष्ट की मात्रा और उस कचरे की प्रबंधन के लिए नगर पालिका की क्षमता के बीच बहुत बड़ा अंतराल है क्योंकि जनसंख्या के आधार पर अगर देखा जाए तो पदार्थों की मात्रा बहुत अधिक होती हैं लेकिन उसने से निपटने के लिए संसाधन बहुत कम है व्यवहार से देखा जाए तो अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र द्वारा उत्पन्न बिजली परंपरागत रूप से उत्पादित बिजली की तुलना में महंगी होती है और मंहगी होने का कारण उच्च पूंजी लागत उच्च परी संचालन खडसे कचरे को जलाने के लिए अतिरिक्त इंधन  की आवश्यकता होती है जिसको माना जाता है स्वास्थ्य पर अपशिष्ट पदार्थ जलाने पर कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होती है जो एक प्रमुख ग्रीनहाउस गैस है इन शयंत्रो में मिश्रित कचरे का उपयोग किया जाता है जिसमें दुर्गंध भी पैदा होती है और यहां काम करने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है

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बायोगैस क्या है।

इसमें मुख्य रूप से हाइड्रोकार्बन शामिल होता है जो एक  दहन सील पदार्थ होने के कारण जलने पर गर्मी और ऊर्जा पैदा करता है बायोगैस एक जैव रासायनिक प्रक्रिया के माध्यम से उत्पन्न होती है इसमें कुछ प्रकार के बैक्टीरिया जैविक कचरे को उपयोगी बायोगैस में परिवर्तित करते हैं उपयोगी गैस एक जैविक प्रक्रिया से उत्पन्न होती है इसलिए इसे बायोगैस का गया है मिथेन गैस बायोगैस का मुख्य घटक होता है।

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 आगे की दिशा।

कृषि घरेलू एवं औद्योगिक अपशिष्ट को पर्यावरणीय तरीके से उचित निपटाने के लिए यह आवश्यक है कि इनके संग्रहण भंडारण और उपयोग के लिए कुशल आपूर्ति संज्ञा का निर्माण किया जाए अपशिष्ट पदार्थों का संग्रहण समय बाद रूप से और वैज्ञानिक तरीके से किया जाना चाहिए वर्तमान हमारे देश में अधिकांश अपशिष्ट संग्रहण का काम अनौपचारिक क्षेत्र द्वारा किए जा रहे हैं सरकार को इस प्रकार का अभिनव प्रयास करना चाहिए जिससे औपचारिक क्षेत्र द्वारा अपशिष्ट संग्रहण और निपटाने को बढ़ावा मिल सके साथी अपशिष्ट ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना  ग्रामीण क्षेत्रों में की जानी चाहिए ताकि आसानी से बायोगैस बिजली आदि का उत्पादन हो सके ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए और ग्रामीण समुदाय को एक आय के स्रोत में भी बढ़ोतरी होगी साथ ही देश में बढ़ती हुई ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति भी सुनिश्चित की जाए सकेगी आवश्यकता इस बात की है कि सभी को जागरूक किया जाए ताकि अपशिष्ट पदार्थों से ऊर्जा निर्माण की गति को तेज किया जा सके                                                           RELETED LINKS

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