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Vande Bharat Train
Vande Bharat Train भारत पिछले दशक से यातायात के साधनों में उन्नत तकनीकी वह सुविधाजनक सफर के लिए काफी आमूलचूल परिवर्तन हुए हैं जिनमें एक है वंदे भारत ट्रेन जो भारतीय रेलवे का एक अभूतपूर्व है उपक्रम है यह भारत की मेक इन इंडिया कार्यक्रम के हिस्से के रूप में भारत में पहली वंदे मातरम ट्रेन का निर्माण इंट्रीगल कोच फैक्ट्री चेन्नई द्वारा चेन्नई द्वारा लगभग 100 करोड रुपए की लागत से बनाई गई Vande Bharat Train यह स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित की गई सेमी हाई स्पीड स्व संचालित ट्रेन है जिसे गति और यात्री सुविधा के मामले में उन्नत तकनीकी की सुविधाओं से लैस किया गया है वंदे भारत ट्रेन का निर्माण परंपरागत संचालित ट्रेन की तुलना में यात्रियों के रेलवे का यह अभिनव प्रयास है इन ट्रेनों के संचालन में ऊर्जा खपत भी कम होती है साथी गति बहुत बेहतरीन है वर्ष 2022_23 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री ने अगले 3 वर्षों में 400 से अधिक वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण का प्रस्ताव पेश किया है 400 ट्रेनों के निर्माण में ₹500000000 के निवेश की संभावना है जबकि वर्ष 2018 की कीमत पर मौजूदा वंदे भारत की एक ट्रेन पर लगभग 106 करोड रुपए का निवेश किया
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भारत में किन-किन रूट पर वंदे भारत ट्रेन का संचालन हो रहा है।
देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन दिल्ली से वाराणसी के बीच में शुरू की गई थी 2019 में संचालित हुई थी दूसरी वंदे भारत ट्रेन वैष्णो देवी भक्तों के लिए सौगात लेकर आई यह दिल्ली टू कटरा के बीच में संचालित होती है यह वंदे भारत एक्सप्रेस मंगलवार को छोड़कर सभी दिन चलती है देश की तीसरी वंदे भारत ट्रेन मुंबई सेंट्रल से गांधीनगर के बीच चलती है यह ट्रेन रविवार को छोड़कर बाकी सभी दिन चलती है यह देश की तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस जो सूरत बड़ोदरा अहमदाबाद होते हुए गांधीनगर तक पहुंचती है चौथी वंदे भारत एक्सप्रेस हिमाचल के ऊना से लेकर चंडीगढ़ होते हुए नई दिल्ली तक पहुंचती हैVande Bharat Train दक्षिण भारत में भी आखिरकार वंदे भारत ट्रेन शुरू हो गई यह देश की पांचवी ही वंदे भारत ट्रेन चेन्नई बेंगलुरु और मैसूर के रूट पर शुरू हुई है 11दिसंबर 2022 को छठवीं वंदे भारत ट्रेन नागपुर और बिलासपुर को जोड़ने वाली ट्रेन का संचालन शुरू हो गया साथ ही सातवी वंदे भारत एक्सप्रेस भी जल्दी शुरू होने वाली है जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी से लेकर बिहार की राजधानी पटना को जोड़ते हुए पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता तक जाएगी पेरंबूर की इंटर्कल कोच फैक्ट्री में वंदे भारत ट्रेन के 100 से ज्यादा कोच तैयार हो रहे हैं और जल्दी 115 वंदे भारत ट्रेन बनाने का लक्ष्य रखा गया है जो पूरा होने वाला है अप्रैल के बाद में यह कपूरथला और रायबरेली में भी कि कोच फैक्ट्री में भी वंदे भारत ट्रेन का निर्माण शुरू हो जाएगा
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INDIA BECAME CHANGES
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वंदे भारत ट्रेन ओं की विशेषताएं।
विकास के चरण के दौरान वंदे भारत ट्रेन बिना लोकोमोटिव के संचालित होती है जो एक प्रणोदक प्रणाली पर आधारित होती है इसे डिस्ट्रीब्यूटर ट्रेक्शन पावर टेक्नोलॉजी कहां जाता है जिसके द्वारा ट्रेन का संचालन होता है डिपो में ऑनबोर्ड वाईफाई, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, सीसीटीवी सभी डिपो में स्वचालित दरवाजे ,घूमने वाली कुर्सियां और विमान में बायो वैक्यूम प्रकार के शौचालय सहित विभिन्न सुविधाएं यात्रियों को मिल रही है यह ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को पकड़ सकती है जिससे यात्रा का समय 25 से 45 परसेंट तक कम किया जा सकता है इसमें बेहतर ऊर्जा दक्षता हेतु बिजली के साथ एक ब्रेकिंग सिस्टम भी है जिससे यह लागत ऊर्जा और पर्यावरण के अनुकूल हो जाती है वंदे भारत ट्रेन की अधिकतम गति 200 किमी प्रति घंटा करने की योजना पर कार्य चल रहा है यह ट्रेन में है 52 सेकंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है
नई वंदे भारत एक्सप्रेस में 2 कोच ऐसे भी हैं जिसमें पूरी ट्रेन पर नजर रखी जा सकेगी सफर के दौरान यात्री खुद को सुरक्षित महसूस करें इसका पूरा ध्यान रखा गया है इसमें पुश बटन स्टॉप की सुविधा भी दी गई है अभी नहीं वंदे भारत ट्रेन में कुछ अतिरिक्त फीचर भी जोड़े गए हैं अगर ड्राइवर ब्रेक लगाना भूल जाए तो सेंसर ट्रेन को रोक पाएंगे इस ट्रेन में मानवीय भूल की गुंजाइश कम होगी इमरजेंसी टॉक सिस्टम से यात्री ड्राइवर से सीधी बात कर सकता है पहले कोच के बाहर 2 पॉइंट थे और अब 4 पॉइंट है 180 किमी प्रति घंटा रफ्तार की टेस्टिंग हो चुकी है अभी 160 पर चल रही है ड्राइवर कैप से कोच व प्लेटफार्म पर नजर सभी कोच में 6 सीसीटीवी कैमरे लग रहे हैं चलती ट्रेन में ऑफिस चेंबर जैसी शांति साउंड 70 डेसीबल से भी कम होगा। जो वंदे भारत ट्रेन को सेंस ऑफ प्राइड बनाती है वंदे भारत ट्रेन मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट का हिस्सा है कुछ कंपोनेंट तो बाहर से ही लेने पड़ते हैं लेकिन डिजाइन में तकनीक अपनी है 4 साल से नॉन स्टॉप सर्विस वाली ट्रेन यूरोप जापान भी रिप्लेसमेंट और मेंटेनेंस के लिए 4 से 5 स्पेयर ट्रेन रखते हैं आईसीएफ में ट्रेन की लागत यूरोपीय व जापानी ट्रेनों से 60 परसेंट कम है विदेशी ट्रेन 3 साल में तैयार होती है यह 18 माह में बन रही है
अपशिष्ट से ऊर्जा निर्माण
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आगे की दिशा।
भारतीय रेलवे उन्नत तकनीकी का इस्तेमाल कर अगली पीढ़ी की ट्रेनों के साथ यात्रा के नए अनुभव का सुखद अनुभूति दिलवाने की तरफ लगातार बढ़ रहा है ऐसे समय में जब कम लागत वाली एयरलाइंस सुगम सड़क नेटवर्क से कड़ी प्रतिस्पर्धा का दौर चल रहा है इस महत्वकांक्षी परियोजना का समय पर क्रियान्वयन और विभिन्न वर्गों की यात्रा की मांग को ध्यान में रखते हुए वंदे भारत परियोजना वास्तव में सभी वर्गों के लिए सौगात है आने वाले समय में यात्रा और सुगम होगी
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