जलवायु सम्मेलन कॉप 27

जलवायु सम्मेलन कॉप 27

COP- 27 संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन

जलवायु सम्मेलन कॉप 27 कोप वर्ड पक्षकारों के सम्मेलन के लिए एक संक्षिप्त नाम है पक्षकारों का सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है जिसका गठन 1994 में ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने के लिए एवं पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन के खतरे से बचाने के लिए किया गया था हाल ही में 6 से 20 नवंबर 2022 के मध्य जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क संधि के पक्षकारों का 27 वा सम्मेलन मिस्र के शर्म अल शेख नामक शहर में आयोजित किया गया जिसमें 92 से अधिक राष्ट्र तथा 190 देशों के लगभग 3500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया जलवायु सम्मेलन कॉप 27  एक प्रसिद्ध विचार हेनरी डेविड थोरू ने लिखा है कि खुदा का शुक्र है कि इंसान उड़ नहीं सकते और आसमान तथा धरती दोनों को ही बरबाद नहीं कर सकते  इस पर विचार करें तो यह बताना उचित होगा कि जलवायु परिवर्तन का संकट मानव जीवन को किस हद तक नुकसान पहुंचा सकता है  वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या बनी हुई है जिसे दूर करने हेतु भारत सहित समस्त विश्व के वैश्विक समुदाय द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं जलवायु परिवर्तन तापमान और मौसम के पैटर्न में दीर्घकालिक परिवर्तन को संदर्भित करता है यह परिवर्तन प्रकृति जनित भी हो सकते हैं

जलवायु सम्मेलन कॉप 27

Cop 27 सम्मेलन के महत्वपूर्ण परिणाम।

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कोप 27 ने कमजोर देशों को लॉस एंड डैमेज के तहत वित्त पोषण प्रदान करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर विकासशील देश  लगभग 3 दशकों से हनिया शक्ति के लिए वित्तीय सहायता की मांग कर रहे थे इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन संबंधित हानि को सहन करने वाले देशों को सहायता प्रदान करने हेतू हानि एवं नुकसान कोस स्थापित करने पर सहमति हुई cop 27 में विकासशील देशों में जलवायु प्रौद्योगिकी समाधान को बढ़ावा देने के लिए एक नया पंचवर्षीय कार्यक्रम शुरू किया गया था शमन महत्वकांक्षी और क्रियान्वयन को तत्काल बढ़ाने के उद्देश्य से एक शमन कार्यक्रम शुरू किया गया ज्ञात रहे कि कार्यक्रम को #Cop 27 के तुरंत बाद शुरू होगा और वर्ष 2030 तक जारी रहेगा जिसमें प्रतिवर्ष कम से कम 2 वैश्विक संवाद होंगे

  1. Project Cheeta // प्रोजेक्ट चीता, 70 वर्षो बाद भारत में चितो की दहाड़
COP- 27 संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन

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संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों ने पेरिस समझौते के तहत महत्वाकांक्षा को बढ़ाने के लिए पहले वैश्विक स्टॉकटेक की दूसरी तकनीक की बात रखी मिश्र के नेतृत्व में वर्ष 2030 तक कृषि एवं खाद्य प्रणाली में बदलाव लाने हेतु जलवायु योगदान की मात्रा एवं गुणवत्ता में सुधार हेतु सतत परिवर्तन पहल के लिए खाद्य और कृषि नामक पहल की शुरुआत की घोषणा भी की गई है जलवायु वित्त से संबंधित पहली बार जलवायु कार्रवाई के लिए वित्तीय जरूरतों को निर्धारित किया गया है इसमें कहा गया कि अगर 2050 तक शुद्ध 0 का लक्ष्य हासिल करना है तो 2030 तक #अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में प्रतिवर्ष करीब 4 ट्रिलियन डॉलर का निवेश करना होगा विश्व बैंक एवं अन्य सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित संस्था गरीब देशों को उनके ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती करने और जलवायु संकट के प्रभावों के अनुकूल बनने में मदद करने के लिए आवश्यक धन उपलब्ध करवाने में विफल रहे हैं #Cop 27 में गरीब देशों को जलवायु संकट के प्रभाव से बचाने के लिए या अनुकूलन करने के लिए विकास संबंधी बैंकों के पुन पूंजीकरण करने संबंधी उपायों की घोषणा की गई है

विज्ञान ओर प्रोद्योगिकी मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM)

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भारत द्वारा जलवायु परिवर्तन की दिशा में प्रयास।

सरकार लगातार जलवायु परिवर्तन पर से होने वाले प्रभावों से निपटने के लिए विश्व के समस्त देशों के साथ मिलकर लगातार कार्य कर रहा है भारत उन 56 देशों की प्रतिष्ठित  सूची में शामिल हो गया है जिन्होंने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन में अपनी रणनीतिक दस्तावेज जमा किए हैं इस रणनीति के तहत ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय संसाधनों के उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए पंचामृत घटक पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन पेरिस समझौते के प्रति प्रतिबद्धता राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन राष्ट्रीय अपतटीय पवन ऊर्जा नीति आदि इन ओवर लाइफटाइम अभियान के तहत भारत के पर्यावरण वन एवं #जलवायु परिवर्तन मंत्रालय संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के तहत प्राकृतिक इतिहास के राष्ट्रीय संग्रहालय ने संयुक्त रूप से 18 से 23 वर्ष की आयु के युवाओं को सतत जीवन शैली के संदेशवाहक बनने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु इस अभियान की शुरुआत की है साथ ही भारत में हरित गैस उत्सर्जन को तत्काल करण करना प्रतिरोधक क्षमता निर्माण जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के अनुकूल होना विकासशील देशों में जलवायु कार्रवाई के वित्त पोषण के लिए प्रतिबद्धताओं को पूरा करना भारत की कम उत्सर्जन रणनीति आदि बिंदुओं पर इस सम्मेलन में चर्चा की गई

अपशिष्ट से ऊर्जा निर्माण

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जलवायु परिवर्तन सम्मेलन और चुनौतियां।

समझौते में एक नए सामूहिक मात्रात्मक लक्ष्य के रूप में वर्णित मांग को विकसित देशों को नए लक्ष्य प्रस्तावित करने चाहिए यह ऊर्जा परिवर्तन की बढ़ी  लागतो को ध्यान में रखते हुए खरगोन डॉलर की राशि के साथ आपूर्ति के एक स्पष्ट दृष्टिकोण की मांग करता है कॉप 27 को कार्यान्वयन सम्मेलन  का गया है क्योंकि विश्व के देश जलवायु से संबंधित प्रश्नों को हल करने हेतु दृढ़ थे जलवायु वित्त का तात्पर्य उस धन से है जिसका विकसित राष्ट्रों ने विकासशील देशों को जीवाश्म इंधन  से दूर जाने जलवायु से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए लचीला बुनियादी ढांचे का निर्माण करने और नवीकरणीय ऊर्जा के व्यापक उपयोग को सक्षम बनाने के लिए प्रौद्योगिकियों तक पहुंच प्रदान करने में मदद के लिए वादा किया गया था उल्लेखनीय है कि 100 बिलियन की वार्षिक प्रतिबद्धता जिससे 2009 में प्रस्तावित किया गया था और 2020 में इसे औपचारिक रूप दिया गया था मैं से अब तक केवल एक तिहाई से भी कम पूरी की गई है एक अन्य प्रमुख चिंता हानि और नुकसान से संबंध पहलू है इसका उद्देश्य सर्वाधिक कमजोर देशों और विकासशील देशों को मुआवजा देना है जो जलवायु परिवर्तन की सबसे बड़ी मार का सामना कर रहे हैं

अंतर्राष्ट्रीय संबंध international relations

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आगे की दिशा।

जलवायु परिवर्तन सम्मेलन को Cop 27 को कुछ चुनौतियां और आपत्तियों का सामना करना पड़ रहा है जिसके परिणाम स्वरूप इसके समय अवधि में विस्तार किया गया है भारत ने 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपनी रणनीति जारी की है जलवायु तथा हानि और शक्ति से संबंधित बिंदुओं से निपटने के लिए सभी हितधारक  को जलवायु परिवर्तन के गंभीर मुद्दे के समाधान के लिए जल्द से जल्द एक आम सहमति बनानी चाहिए हालांकि जलवायु परिवर्तन के इस वैश्विक समस्या में विश्व के 3 सबसे बड़े उत्सर्जन करने वाले व विकसित देशों को  निसंदेह भारत द्वारा एक अधिक व्यापक भूमिका का निर्माण किया जाना अभी शेष है

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Development Projects of Great Nicobar Deep

Towards reducing India’s prison footprint

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