- भारत-UAE संबंध
- संदर्भ:भारत-UAE संबंध हाल ही में, भारत के विदेश मंत्री ने अपने यूएई समकक्ष के साथ मुलाकात की और कहा कि द्विपक्षीय व्यापार ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए)
के तहत वृद्धि सराहनीय है।
भारत-UAE संबंध
राजनयिक:
भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने वर्ष 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित किये थे।
अगस्त 2015 में भारतीय प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा ने दोनों देशों के बीच एक नई रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत के रूप में दोनों देशोंके द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक बढ़ावा दिया। - भारत-UAE संबंध
- सामयिक विषयदिसंबर 2022
- इसके साथ ही, जनवरी 2017 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में संयुक्त अरब अमीरात के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा के
दौरान यह सहमति बनी कि द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक उन्नत किया जाए।
वर्ष 2019 में UAE ने दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती और संयुक्त रणनीतिक सहयोग को मज़बूत करने के लिये भारत के प्रधानमंत्री
को अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, जायेद मेडल से सम्मानित किया।
आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध:
भारत और संयुक्त अरब अमीरात के प्राचीन कल से ही व्यापार संबंध रहे हैं।
दुबई ने 1990 के दशक की शुरुआत में खुद को एक क्षेत्रीय व्यापार केंद्र के रूप में स्थापित किया और लगभग उसी समय, भारत में आर्थिक उदारीकरण की
प्रक्रिया शुरू हुई।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के पहले नौ माह में भारत-UAE का कुल उत्पाद व्यापार 52.76 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का रहा जो UAE को भारत
का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनाता है। - Joshimath//जोशीमठ पर मंडराया अस्तित्व का खतरा
दोनों देशों द्वारा अगले पाँच वर्षों में द्विपक्षीय उत्पाद व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर और सेवाओं के व्यापार को 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर
तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है।
दो देशों के बीच व्यापार समझौता दोतरफा निवेश प्रवाह का भी प्रवर्तन होता है। भारत में संयुक्त अरब अमीरात का निवेश लगभग 11.67 बिलियन
अमेरिकी डॉलर आकलित किया गया है जो इसे भारत में नौवाँ सबसे बड़ा निवेशक देश बनाता है।
इसके अलावा, कई भारतीय कंपनियों ने UAE में संयुक्त उद्यम के रूप में या उसके विशेष आर्थिक क्षेत्रों में (सीमेंट, निर्माण सामग्री, वस्त्र, इंजीनियरिंग
उत्पाद, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स आदि के लिये) अपनी विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित की हैं।
कई भारतीय कंपनियों ने पर्यटन, आतिथ्य, खानपान, स्वास्थ्य, खुदरा क्षेत्र और शिक्षा के क्षेत्र में भी निवेश किया है।
भारत की संशोधित FTA रणनीति के तहत सरकार ने कम से कम छह देशों/क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है जिसमें अंतरिम व्यापार समझौते (Early
Harvest Deal/Interim Trade Agreement) के लिये UAE सूची में शीर्ष पर है। यूके, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इज़राइल और
खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के कई देश इस सूची में शामिल अन्य प्रमुख देश/क्षेत्र हैं।- भारत-UAE संबंध
इससे पूर्व UAE ने भी पहले भारत और सात अन्य देशों (यूके, तुर्की, दक्षिण कोरिया, इथियोपिया, इंडोनेशिया, इज़राइल और केन्या) के साथ द्विपक्षीय
आर्थिक समझौतों को आगे बढ़ाने के अपने इरादे की घोषणा की थी।
अंतरिम व्यापार समझौता
किसी मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने से पहले दो देशों या व्यापारिक ब्लॉकों के बीच कुछ वस्तुओं के व्यापार पर टैरिफ को उदार बनाने हेतु एक
अंतरिम व्यापार समझौता (Interim Trade Agreement- ITA) अथवा ‘अर्ली हार्वेस्ट ट्रेड एग्रीमेंट’ ((Early Harvest Trade
Agreement) का उपयोग किया जाता है।
अंतरिम समझौते पर सरकार का ज़ोर रणनीतिक दृष्टिकोण से प्रेरित हो सकता है ताकि न्यूनतम प्रतिबद्धताओं के साथ एक बेहतर समझौता संपन्न किया
जा सके और विवादास्पद मुद्दों को बाद में हल करने का अवसर हो।
हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने मार्च 2022 में एक ITA संपन्न करने की योजना की घोषणा की है।
भारत वर्ष 2022 के पूर्वार्द्ध में यूके के साथ भी एक अंतरिम व्यापार समझौता संपन्न कर लेने की इच्छा रखता है, जबकि UAE के साथ समझौते पर
हस्ताक्षर कर लिया गया है।- भारत-UAE संबंध
- सांस्कृतिक संबंध:
दोनों राष्ट्र ऐतिहासिक संबंध साझा करते हैं और आधिकारिक व लोकप्रिय दोनों स्तरों पर नियमित सांस्कृतिक आदान-प्रदान बनाए रखते हैं।
दोनों देशों ने वर्ष 1975 में एक सांस्कृतिक समझौते पर हस्ताक्षर किये और दोनों देशों के दूतावास सांस्कृतिक संगठनों के साथ सहयोग द्वारा विभिन्न
सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन करते हैं।
भारतीय सिनेमा / टीवी / रेडियो चैनल काफी पसंद किया जाता हैं; संयुक्त अरब अमीरात में प्रमुख थिएटर / सिनेमा हॉल वाणिज्यिक हिंदी, मलयालम
और तमिल फिल्मों को स्क्रीन लगते हैं।
अमीराती समुदाय भी हमारे वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रमों में भाग लेते है और संयुक्त अरब अमीरात में योग और ध्यान केंद्रों के विभिन्न स्कूल
सफलतापूर्वक चल रहे हैं। - Inclusive Development//क्यों आवश्यक है?
- भारत-UAE संबंध
- प्रौद्योगिकी साझेदारी:
भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने कई डिजिटल नवाचार, प्रौद्योगिकी साझेदारी पर हस्ताक्षर किए हैं, और इसरो और यूएईएसए के लिए रेड मून मिशन
जैसे मिशनों पर सहयोग करने की योजना भी बनाई है। - सामयिक विषयदिसंबर 2022
- 22
अमीरात ने डॉक्टरों, इंजीनियरों, पीएचडी विद्वानों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), बिग डेटा, वायरोलॉजी और महामारी विज्ञान जैसे उच्च अंत
प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के विशेषज्ञों के लिए "गोल्डन वीजा" रेजिडेंसी परमिट की पेशकश की है, - भारत-UAE संबंध
-
रक्षा और सुरक्षा सहयोग:
- डेजर्ट ईगल जैसे नियमित सैन्य अभ्यासों के माध्यम से क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने के लिए समुद्री सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। दोनों देश
संयुक्त रूप से चरमपंथ और सीमा पार आतंकवाद सहित सभी प्रकार के आतंकवाद से लड़ने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त कर चुके हैं।
भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने 2017 में एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए और वार्षिक रक्षा वार्ता आयोजित
की। दोनों पक्ष एक-दूसरे के साथ सैन्य अभ्यास में भाग लेते हैं और कई सैन्य प्रमुखों की यात्राएं हुई हैं। - भारत-UAE संबंध
- भारतीय समुदाय:
लगभग 3.4 मिलियन का भारतीय प्रवासी समुदाय संयुक्त अरब अमीरात में सबसे बड़ा जातीय समुदाय है जो देश की आबादी का लगभग 35% है।
संबंधों में मुद्दे / चुनौतियां
हालिया संबंधों में उतार-चढ़ाव- यह नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणियों के कारण है।
अस्थिर क्षेत्र : ये इलाक़ा बहुत उठा-पटक वाला यानि राजनीतिक रूप से अस्थिर है। इस क्षेत्र से भारत के बड़े राजनीतिक और आर्थिक हित जुड़े हुए हैं। इस के
क्षेत्रीय संगठन यानी गल्फ़ को- ऑपरेशन काउंसिल (GCC) के देश भारत के बड़े कारोबारी साझेदारों में से हैं। इसलिए भारत को खाड़ी देशों के साथ ऐसा
कूटिनीतिक संबंध बनाना चाहिए जिससे भारत के आर्थिक, सामरिक और राजनीतिक हित को सुनिश्चित किया जा सके।
आतंक का वित्तपोषण: प्रवासियों द्वारा भारत भेजी जाने वाली कुल विदेशी मुद्रा का का आधा हिस्सा खाड़ी देशों से आता है। भारत को हस्तांतरित धन की एक
महत्वपूर्ण राशि को अनौपचारिक हवाला प्रणाली के माध्यम से भेजा जाता है। आतंकवादी समूह इंडियन मुजाहिदीन के मुख्य वित्त अधिकारी, अब्दुल वाहिद
सिदीबप्पा द्वारा हवाला प्रणाली का इस्तेमाल करके यूएई से भारत में धन स्थानांतरित किया गया। इसी तरह, लश्कर-ए- तैयबा ने 26/11 के मुंबई हमले को
अंजाम देने के लिए खाड़ी देशों से हवाला के माध्यम से धन प्राप्त किया था। - भारत-UAE संबंध
यात्रा मार्ग: खाड़ी देशों का उपयोग सीरिया, इराक और अफगानिस्तान जैसे संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों की यात्रा करने वाले व्यक्तियों के लिए पारगमन बिंदु के रूप में भी
किया जाता रहा है। 2016 में 21 केरलवासियों (आठ नाबालिगों सहित) ने आईएस में शामिल होने के लिए अफगानिस्तान की यात्रा की थी, जो संयुक्त अरब
अमीरात, कुवैत, बहरीन और ओमान के शहरों से होकर गुजरे थे।
वांछित अपराधियों की शरण-स्थली: भारत के लिए यह भी एक चिंता का विषय है कि खाड़ी देशों का उपयोग देश के विभिन्न आपराधिक व्यक्तियों द्वारा के द्वारा
शरण- स्थली के रूप में किया जाता है। इन व्यक्तियों में दाऊद इब्राहिम प्रमुख है, जो 1993 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड था और 26/11 के हमले में भी
इसकी संलिप्तता थी।- स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
भारत-UAE संबंध
Releted link