India-Israel Defense Cooperation
संदर्भ: इजरायल भारतीय रक्षा बलों के साथ मिलकर काम कर रहा है India-Israel Defense Cooperation ताकि उनकी रक्षा जरूरतों के लिए समाधान तैयार किया जा सके।
भारत-इज़रायल संबंध
राजनयिक गठबंधन:
हालाँकि भारत ने वर्ष 1950 में इज़रायल को आधिकारिक रूप से मान्यता दी थी, लेकिन दोनों देशों के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध 29 जनवरी, 1992 को स्थापित
हुए। दिसंबर 2020 तक भारत संयुक्त राष्ट्र के 164 सदस्य देशों में से एक था, जिसके इज़रायल के साथ राजनयिक संबंध थे।
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आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध:
वर्ष 1992 में द्विपक्षीय व्यापार 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल 2020- फरवरी 2021 की अवधि के दौरान 4.14 बिलियन अमेरिकी डॉलर (रक्षा
को छोड़कर) हो गया, जिसमें व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में था।
हीरे का व्यापार द्विपक्षीय व्यापार का लगभग 50% है।
भारत एशिया में इज़रायल का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और विश्व स्तर पर सातवाँ सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है।
इजरायल की कंपनियों ने भारत में ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, दूरसंचार, रियल एस्टेट, जल प्रौद्योगिकियों में निवेश किया है और भारत में अनुसंधान एवं विकास केंद्र
या उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
भारत एक मुक्त व्यापार समझौता के समापन के लिये इज़रायल के साथ भी बातचीत कर रहा है।
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कृषि में सहयोग:
ई 2021 में कृषि विकास में सहयोग के लिये "तीन वर्ष के कार्य समझौते" पर हस्ताक्षर किये गए थे।
कार्यक्रम का उद्देश्य मौजूदा उत्कृष्टता केंद्रों को विकसित करना, नए केंद्र स्थापित करना, सीओई की मूल्य शृंखला को बढ़ाना, उत्कृष्टता केंद्रों को आत्मनिर्भर मोड में
लाना और निजी क्षेत्र की कंपनियों व सहयोग को प्रोत्साहित करना है।
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विज्ञान प्रौद्योगिकी:
हाल ही में भारत और इज़रायल के विशेषज्ञों ने अपनी 8वीं शासी निकाय की बैठक में भारत-इज़रायल औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास और तकनीकी नवाचार कोष
(I4F) के दायरे को व्यापक बनाने पर विचार-विमर्श किया।
उन्होंने 5.5 मिलियन अमेरिकी डालर की 3 संयुक्त रिसर्च एंड डेवलपमेंट परियोजनाओं को मंज़ूरी दी और एक व्यापक भारत-इज़रायल सहयोगी पारिस्थितिकी तंत्र
बनाने के उपायों का सुझाव दिया गया।
I4F 'प्रमुख क्षे त्रो' में चुनौतियों का समाधान करने के लिये भारत और इज़रायल की कंपनियों के बीच संयुक्त औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को
बढ़ावा देने, सुविधा प्रदान करने एवं समर्थन करने हेतु दोनों देशों के बीच एक सहयोग है
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भारत-इज़राइल रक्षा सहयोग के बारे में-
भारत, इज़रायल से सैन्य उपकरणों का सबसे बड़ा खरीदार है, जो बदले में रूस के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्त्ता है।
भारतीय सशस्त्र बलों ने पिछले कुछ वर्षों में इज़रायली हथियार प्रणालियों की एक विस्तृत शृंखला को अपने बेड़े में शामिल किया है, जिसमें फाल्कन ‘AWACS’
(एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम्स) और हेरॉन, सर्चर-II व हारोप ड्रोन, बराक एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम एवं स्पाइडर क्विक-रिएक्शन एंटी-एयरक्राफ्ट
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मिसाइल प्रणाली शामिल हैं।
इस अधिग्रहण में कई इज़रायली मिसाइलें और सटीक-निर्देशित युद्ध सामग्री भी शामिल है, जिसमें पायथन तथा डर्बी हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलों से
लेकर क्रिस्टल मेज़ (Crystal Maze) एवं स्पाइस-2000 बम (Spice-2000 Bombs) शामिल हैं।
भारत और इज़रायल के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर संयुक्त कार्य समूह (JWG) की 15वीं बैठक में सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान करने के लिये एक व्यापक 10
वर्षीय रोडमैप तैयार करने हेतु टास्क फोर्स बनाने पर सहमति व्यक्त की गई।
मानव रहित हवाई वाहनों (UAVs)
16
अक्टूबर 2021 में, इजरायल और भारत ने रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए नए सहयोग क्षेत्रों की पहचान करने के लिए 10 साल का रोडमैप तैयार करने के
उद्देश्य से एक टास्क फोर्स बनाने पर सहमति व्यक्त की थी।
27 अक्टूबर 2021 को तेल अवीव, इज़रायल में आयोजित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर भारत-इज़रायल संयुक्त कार्य समूह (JWG) की 15वीं बैठक में इस पर सहमति
बनी थी।
यह JWG दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के सभी पहलुओं का मार्गदर्शन और समीक्षा करने वाली शीर्ष संस्था है। इसके अलावा, संसाधनों के कुशल
उपयोग, प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रवाह और विभिन्न औद्योगिक क्षमताओं को साझा करने के लिए रक्षा उद्योग सहयोग पर एक उप कार्य समूह का गठन किया गया था।
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वायु रक्षा प्रणाली:
बराक: सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल को कम दूरी की वायु रक्षा इंटरसेप्टर के रूप में तैनात किया जा सकता है। भारत में बराक (BARAK) संस्करण को
बराक-8 (नौसेना जहाज़ों के लिये) के रूप में जाना जाता है।
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मिसाइल:
स्पाइक: ये 4 किमी. तक की रेंज वाली चौथी पीढ़ी की एंटी-टैंक मिसाइल हैं, जिन्हें फायर-एंड-फॉरगेट मोड में संचालित किया जा सकता है।
ये राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स इज़रायल द्वारा निर्मित हैं।
क्रिस्टल मेज: यह हवा-से-सतह पर मार करने वाली मिसाइल AGM-142A Popeye का एक भारतीय संस्करण है, जिसे संयुक्त रूप से इज़रायल स्थित राफेल
और अमेरिका स्थित लॉकहीड मार्टिन द्वारा विकसित किया गया है।
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सेंसर:
सर्च ट्रैक एंड गाइडेंस रडार (STGR): भारत ने INS कोलकाता, INS शिवालिक और कमोर्टा-क्लास फ्रिगेट्स को BARAK-8 SAM मिसाइलों को तैनात करने
हेतु अनुकूल बनाने के लिये STGR रडार का आयात किया।
फाल्कन: इस एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) को भारतीय वायुसेना की ‘आई इन द स्काई’ (Eyes in the Skies) के रूप में भी जाना जाता है।
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भविष्य की राह
भारत और इज़रायल को अपने धार्मिक चरमपंथी पड़ोसियों की भेद्यता को दूर करने तथा जलवायु परिवर्तन, जल की कमी, जनसंख्या विस्फोट एवं भोजन की कमी
जैसे वैश्विक मुद्दों पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है।
मुख्य रूप से साझा रणनीतिक हितों और सुरक्षा खतरों के चलते दोनों देशों के बीच संबंधों में वर्ष 1992 से मज़बूती देखी गई।
अधिक आक्रामक और सक्रिय मध्य-पूर्वी नीति समय की मांग है ताकि भारत अब्राहम एकॉर्ड द्वारा धीरे-धीरे लाए जा रहे भू-राजनीतिक पुनर्गठन का अधिकतम लाभ
उठा सके।
भारतीय लोग इज़रायल के प्रति सहानुभूति रखते हैं और सरकार अपने राष्ट्रीय हित के आधार पर अपनी पश्चिम एशिया नीति को संतुलित एवं पुनर्गठित कर रही है।
स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस
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