India-Norway Relations
संदर्भ: हाल ही में India-Norway Relations भारत-नॉर्वे ने हरित समुद्री क्षेत्र के लिए समझौता कियापृष्ठभूमि
समुद्री क्षेत्र के बारे में भारत-नॉर्वे संयुक्त कार्य समूह की बैठकें नियमित आधार पर आयोजित की जा रही हैं।
नवंबर, 2019 में ओस्लो में समुद्री क्षेत्र के बारे में संयुक्त कार्य समूह की 7वीं बैठक आयोजित की गई थी।
7वीं बैठक के दौरान जहाज निर्माण में सहयोग, नाविकों के कौशल को बढ़ाने और पर्यावरण के अनुकूल जहाजों के मुद्दों पर चर्चा की
गई।
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मुख्य बिंदु :-
पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय भारत का समुद्री दृष्टिकोण-2030 के लक्ष्य के रूप में समुद्री क्षेत्र को विकसित करने के
लिए लगन के साथ काम कर रहा है।
इस संबंध में 8वीं नॉर्वे-भारत समुद्री संयुक्त कार्य समूह की बैठक मुंबई में आयोजित की गई थी।
हरित समुद्री भविष्य पर नॉर्वे-भारत सहयोग पर इस दौरान उपयोगी चर्चा हुई। दोनों सरकारों ने हरित समुद्री क्षेत्र के लिए अपने
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दृष्टिकोण और योजनाओं को प्रस्तुत किया।
पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय में अपर सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नॉर्वे के साथ समुद्री व्यापार वर्ष 1600 से
अधिक पहले से है।
उन्होंने कहा कि नॉर्वे के पास समुद्री क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञता है और भारत के पास समुद्री क्षेत्र के विकास और प्रशिक्षित नाविकों के
बड़े पूल के लिए बड़ी क्षमता है, जो दोनों देशों को प्राकृतिक पूरक भागीदार बनाते हैं।
नार्वे का प्रतिनिधिमंडल आईएनएमएआरसीओ, हरित पोत परिवहन और समुदी क्षेत्र के सम्मेलन में भी भाग लेगा। समुद्री शीओ
सम्मेलन नॉर्वे द्वारा समर्थित है और समुद्री विविधता और स्थिरता पर केंद्रित है, जिसमें समुद्री उद्योग में लैंगिक समानता भी शामिल
है।
समुद्री नीति और तटीय विकास विभाग के महानिदेशक श्री ओटार ओस्टनेस ने अगली प्रस्तावित संयुक्त कार्य समूह की 9वीं बैठक के
लिए नॉर्वे में भारतीय प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया।
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8वीं बैठक
आयोजित संयुक्त कार्य समूह की 8वीं बैठक में भविष्य के पोत परिवहन के लिए हरित अमोनिया और हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन
के उपयोग पर चर्चा हुई।
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नार्वे का हरित पोत परिवहन कार्यक्रम सफल रहा है और बैठक में अनुभव और विशेषज्ञता साझा की गई। नॉर्वे ने कहा कि वह शून्य
कार्बन उत्सर्जन समाधान के लिए भारत के दृष्टिकोण के प्रति वचनबद्ध है।
भारत और नॉर्वे हरित जलमार्ग 2050 परियोजना का हिस्सा है। दोनों पक्ष सामान्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इच्छा, समर्पण,
साझेदारी और क्षमता निर्माण पर सहमत हुए।
India-Israel Defense Cooperation
भारत जहाजों के पुनर्चक्रण के लिए हांगकांग सम्मेलन का एक हस्ताक्षरकर्ता है। आज की बैठक में भारत ने अनुरोध किया कि यूरोपीय
संघ के नियमों को गैर-यूरोपीय देशों के पुनर्चक्रण में बाधा नहीं बनना चाहिए जो अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अनुरूप है।
नॉर्वे से अनुरोध किया गया था कि वह भारत में जहाजों के पुनर्चक्रण को आगे न बढ़ाए क्योंकि भारतीय पुनर्चक्रण करने वालों द्वारा
बहुत अधिक निवेश किया गया है।
भारत ने नवीनतम समुद्री प्रौद्योगिकी जैसे अधिकतम उपलब्धता और समर्थन उप प्रणाली-एमएएसएस के समुद्री प्रशिक्षण के क्षेत्र में
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सहयोग पर बल दिया है।
भारतीय पक्ष ने नॉर्वे से ध्रुवीय जल नेविगेशन के क्षेत्र में शिप बोर्ड प्रशिक्षण का विस्तार करने का अनुरोध किया है।
मुंबई में नॉर्वे के महावाणिज्य दूत श्री अर्ने जान फ्लो ने कहा, ''हमने इस बात पर भी चर्चा की कि नाविकों के प्रशिक्षण और भर्ती को
और कैसे विकसित किया जाए। हमें अपने जहाजों को चलाने के लिए कुशल और प्रेरित नाविकों की आवश्यकता है, और हमें महिलाओं
को बोर्ड पर लाने की आवश्यकता है।"
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नॉर्वे के बारे में
नॉर्वे यूरोप महाद्वीप में स्थित एक देश है।
इसकी राजधानी ओस्लो है ।
इसकी मुख्य- और राजभाषा है नॉर्वेजियन भाषा।
नार्वे एक राजशाही है। इसके क्षेत्राधिकार् में स्कैडीनेवियाई देश है। जिसमें पहाड़, ग्लेशियर और गहरे तटीय क्षेत्र शामिल है।
गौरतलब है की उत्तरी यूरोप के आने वाले देशों को स्कैंडिनेवियाई देश कहते हैं इनमें नॉर्वे, स्वीडन व डेनमार्क आते हैं।
इनके अलावा फिनलैंड, आइसलैंड एवं फैरो द्वीपसमूह के संग ये नॉर्डिक देश भी कहलाते हैं। RELETED LINKS