चुनावी संग्राम
- हाल ही में त्रिपुरा नागालैंड और मेघालय में चुनावी संग्राम का बिगुल बज चुका है मणिपुर मेघालय और त्रिपुरा को 21 जनवरी 1972 को पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम 1971 के तहत तीनों राज्यों को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रधान किया गया भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित तीनों राज्यों फरवरी 2023 में नई विधानसभा के गठन के लिए चुनाव होंगे चुनाव आयोग ने तीनों राज्यों की विधानसभाओं के लिए तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनावी बिगुल बज चुका है त्रिपुरा में 16 फरवरी को मतदान होगा साथ ही नागालैंड और मेघालय में 27 फरवरी को वोट डाले जाएंगे तीनों राज्यों के परिणाम 2 मार्च को घोषित किए जाएंगे साथ ही तीनों राज्यों में 60/60 विधानसभा सीटें हैं जिसमें बहुमत प्राप्ति के लिए 31 सीटों पर विजय हासिल करना अनिवार्य रहेगा
Lचुनावी संग्राम
त्रिपुरा मणिपुर नागालैंड में चुनावी समीकरण क्या है?
2018 के चुनाव में त्रिपुरा में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी वहां 25 सालों तक शासन कर रहे लेफ्ट कांग्रेस को हराकर विजय प्राप्त की थी और इस जीत का नायक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बिपलब कुमार देब को मुख्यमंत्री बनाया गया लेकिन 2022 में देब की जगह मानिक शाह को राज्य की कमान सौंप दी लेकिन वर्तमान समीकरण में कई नेता भाजपा के असंतुष्ट हैं जो पार्टी से अलग भी हो गए हैं हांगसा कुमार ने अपने 6000 आदिवासी समर्थकों के साथ टिपरा मोथा में शामिल हो गए हैं साथ में भाजपा के विकास कार्यों को देखते हुए कांग्रेस और लेफ्ट के साथ चुनावी संग्राम काफी कुछ समीकरणों पर निर्भर रहेगा और देखा भी जाएगा कि 2022 मैं मुख्यमंत्री बदलने का प्रभाव कितना रहेगा यह आने वाली 2 मार्च को ही स्पष्ट हो पाएगा
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मेघालय में एनपीपी और भाजपा गठबंधन की सरकार 2018 में बनी थी लेकिन उस समय कांग्रेस की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई थी एनपीपी के कोनराड संगमा मुख्यमंत्री बने साथी एनपीपी और भाजपा में कुछ मतभेद भी दिखाई दे रहे हैं भाजपा ने नए सिरे से मेघालय में संगठन को खड़ा करने का प्रयास किया है और अन्य पार्टियों के कई नेताओं को भी शामिल किया है साथ ही कांग्रेस भी पुरजोर अपने दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी नागालैंड 2018 के विधानसभा चुनाव में एनपीएफ का विघटन हो चुका था बागी उम्मीदवारों ने संगठन का निर्माण किया जिसका नाम एनडीपीपी था 2018 के चुनाव में एनडीपीपी के साथ मिलकर भाजपा ने चुनाव लड़ा जिसमें एनडीपीपी के नेफ्यू रियो को मुख्यमंत्री बनाया गया लेकिन इस बार के समीकरणों में भाजपा अधिक सीटों की दावेदारी कर रही है जिसके कारण दोनों के बीच कुछ मतभेद हो सकते हैं।
चुनावी संग्राम
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई)
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किन किन मुद्दों पर चुनाव लड़ा जाएगा?
पूर्वोत्तर क्षेत्र के तीनों राज्यों में चुनाव के समय अनेक मुद्दे हैं जिन पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार मेघालय और असम के साथ सीमा विवाद का मुद्दा बन सकता है स्थानीय स्तर पर विपक्ष इसे मुद्दा बना सकती है साथी टीएमसी भाजपा के लिए संकट का कारण बन सकती है भाजपा के सामने गठबंधन की भी विशेष चुनौती रहने वाली है एनपीपी और भाजपा अलग-अलग चुनाव लड़ेगी नगालैंड में भी सीट बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है 2021 में फायरिंग में मारे गए आदिवासियों का मामला भी चुनाव का मुद्दा बनने जा रहा है क्योंकि उस फायरिंग में 21 आदिवासी मारे गए थे तीनों राज्य में वोटर की स्थिति? नागालैंड मेघालय और त्रिपुरा में तीनों में 62.8 लाख मतदाता है जिनमें 31.47लाख महिला मतदाता तीनो राज्यों में 9000 से ज्यादा पोलिंग स्टेशन होंगे इनमें से 376 पोलिंग स्टेशन महिलाओं द्वारा संचालित होंगे तीनों राज्यों में महिला वोटरों की संख्या काफी अधिक है तथा उनकी भागीदारी हमेशा पुरुषों से अधिक रहती हैं।
गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स
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उम्मीदवारों की घोषणा।
तीनों राज्यों के लिए विभिन्न पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है 28 जनवरी को जारी की गई लिस्ट में भाजपा ने त्रिपुरा में 48 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है कांग्रेस ने 17 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है भाजपा ने जारी की गई प्रथम लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री देब का नाम नहीं है इस लिस्ट में 6 विधायकों के नाम काटे गए हैं साथ ही 11 महिलाओं को टिकट देकर 15 नए चेहरों पर दांव खेला गया है अन्य पार्टियों की लिस्ट भी जल्दी जारी होने वाली है
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आगे की दिशा।
तीनों राज्यों में होने वाले चुनाव में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के बीच में काफी संघर्षपूर्ण मुकाबला देखने को मिलेगा क्योंकि सभी पार्टियां चुनावी बिगुल में लगातार मतदाताओं के संपर्क में रहकर अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रहे हैं नए समीकरण बैठाने का प्रयास कर रहे हैं लगातार अब बड़े नेताओं की रैलियां शुरू होने लगी है निश्चित रूप से इन तीनों राज्यों के विकास के लिए कुछ मुद्दे चुनाव में बन सकते हैं लेकिन आने वाला है 2 मार्च को ही तय होगा कि इन तीनों राज्यों का ताज किस-किस पार्टी को मिलने वाला है देखना दिलचस्प रहेगा
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