करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2022
चर्चा में क्यों ?करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2022
हाल ही में ‘करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2022 जारी किया गया जिसमे 180 देशों की लिस्ट में भारत को 40 अंकों के साथ
इस साल 85वें पायदान पर रखा गया है।
करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2022
मुख्य बिंदु :–
भ्रष्टाचार के मामले में भारत, भूटान के बाद दक्षिण एशिया का दूसरा सबसे साफ-सुथरी छवि वाला देश है। गौरतलब है कि
भारत को कुछ दिनों पहले जारी ‘करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2022’ में 180 देशों की लिस्ट में 85वें पायदान पर रखा गया
है। इस साल इंडेक्स में भारत को कुल 40 अंक दिए गए हैं।
इससे पहले 2021 के लिए जारी करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2021 में भी भारत 85वें स्थान पर था, जबकि 2020 के लिए
जारी इंडेक्स में भारत को 86वें स्थान पर रखा गया था। वहीं 2019 में जारी इंडेक्स को देखें तो उसमें भारत को 41अंकों
के साथ 80वें पायदान पर रखा था।
गौरतलब है कि दुनिया भर के देशों में करप्शन के स्तर को मापने वाला यह इंडेक्स हर साल संगठन ट्रान्सपैरेंसी
इंटरनेशनल द्वारा जारी किया जाता है।
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करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2022L
रिपोर्ट की मुख्य बातें
देखा जाए तो दक्षिण एशिया में अफगानिस्तान सबसे ज्यादा भ्रष्ट देश है, जिसे इस इंडेक्स में 150वें स्थान पर रखा गया
है। उसके बाद बांग्लादेश है जिसे 25 अंकों के साथ 45वें स्थान पर जगह मिली है।
वहीं पाकिस्तान 27 अंकों के साथ 140वें पायदान पर है। वहीं यदि दक्षिण एशिया के अन्य देशों की बात करें तो नेपाल
110, श्रीलंका 101 और मालदीव भी 85वें स्थान पर है।
वहीं यदि वैश्विक स्तर पर देखें तो इंडेक्स के मुताबिक अफ्रीकी देश सोमालिया सबसे भ्रष्ट्र देश है जिसे 12 अंकों के साथ
लिस्ट में सबसे नीचे यानी 180वें स्थान पर रखा है।
सीरिया 178, दक्षिण सूडान 178, वेनेजुएला 177, यमन 176, लीबिया, उत्तर कोरिया, हैती, इक्वेटोरियल गुएना और बुरुंडी 17
अंकों के साथ सम्मिलित रूप से 171 वें पायदान पर हैं। वहीं अमेरिका 24वें, यूके 18वें और चीन 65वें स्थान पर है।
रिपोर्ट के मुताबिक यदि दुनिया की सबसे साफ-सुथरी छवि वाले देश की बात करें तो डेनमार्क इस मामले में सबसे ऊपर है,
जिसे कुल 90 अंक मिले हैं। उसके बाद फिनलैंड, न्यूज़ीलैंड 87 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
वहीं नॉर्वे चौथे, सिंगापुर-स्वीडन पांचवे, स्विटज़रलैंड सातवें, नीदरलैंड्स आठवें, जर्मनी नौवें, वहीं आयरलैंड और लक्सम्बर्ग दोनों
दसवें पायदान पर हैं।
इंडेक्स के मुताबिक पिछले एक दशक से भ्रष्ट्राचार के मामले में वैश्विक औसत में कोई ज्यादा बदलाव नहीं आया है। वो
इस साल भी 43 पर है। इतना ही नहीं आंकड़े दर्शाते है कि जहां दो-तिहाई से ज्यादा देशों ने इस साल 50 से नीचे स्कोर
किया है।
गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स
करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2022
वहीं 26 देश अपने अब तक के सबसे न्यूनतम स्कोर पर पहुंच गए हैं। हालांकि यदि कुछ देशों को छोड़ दें तो अधिकतर
देशों ने इस मामले में अभी भी कोई खास प्रगति नहीं की है।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 15 वर्षों से वैश्विक रूप से वातावरण अशांत हुआ है। देखा जाए तो भ्रष्टाचार इसका एक प्रमुख
कारण और परिणाम दोनों है। ऐसे में इस मामले पर ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेनियल एरिकसन
का कहना है कि नेता एकजुट होकर भ्रष्टाचार से लड़ सकते हैं और शांति को बढ़ावा दे सकते हैं।
सरकारों को अपने निर्णयों में जनता को भागीदार बनाना चाहिए। इसमें व्यापारियों, कार्यकर्ताओं से लेकर समुदाय के हाशिए
पर रह रहे लोगों और युवाओं को शामिल किया जाना चाहिए। लोकतांत्रिक समाज में, लोग भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने
में मदद के लिए अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं और सभी के लिए एक सुरक्षित दुनिया की मांग कर सकते हैं।
हमें समझना होगा कि भ्रष्ट्राचार न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या है। यह ऐसा दीमक है जो
हमारे आज के साथ-साथ कल को भी नष्ट कर रहा है। ऐसे में हम सभी को मिलकर इसका मुकाबला करना होगा।
करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2022
क्या है करप्शन परसेप्शन इंडेक्स?
दुनिया में हर साल भ्रष्टाचार की स्थिति को बताने वाला यह इंडेक्स, संगठन ट्रांस्पेरेन्सी इंटरनेशनल द्वारा जारी किया जाता
है।
इस इंडेक्स में 180 देशों को उनके सार्वजनिक क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार के आधार पर 0 से 100 के बीच अंक दिए जाते हैं।
यहां 0 का मतलब सबसे ज्यादा भ्रष्ट, जबकि 100 का मतलब सबसे कम भ्रष्ट देश होता है। हालांकि देखा जाए तो इस
साल किसी भी देश को 100 में से 100 अंक नहीं मिले हैं।
Source – Down to Earth RELETEDLINK