PM Kisan Samman Nidhi Scheme

  1.  PM Kisan Samman Nidhi Scheme

  2.  PM Kisan Samman Nidhi Scheme  पिछले दिनों एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसान सम्मान निधि योजना की तेरहवीं किस्त जारी की। इसके द्वारा आठ करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के खातों में कुल 16,800 करोड़ रुपये की नकद धनराशि हस्तांतरित की गई। वर्ष 2019 के आम चुनाव से पहले मोदी सरकार ने किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की शुरुआत की थी। इस सराहनीय योजना में किसान परिवारों की आर्थिक मदद के लिए तीन बराबर किस्तों में कुल 6,000 रुपये प्रति वर्ष डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरण करने का प्रविधान है। अब तक इस योजना के तहत लगभग 2.50 लाख करोड़ रुपये का हस्तांतरण पात्र किसानों के खातों में किया जा चुका है। उन्होंने उन किसानों के प्रयासों की सराहना की जिन्होंने इस महामारी के दौरान कठिनाइयों के बीच खाद्यान्न और बागवानी में रिकॉर्ड उत्पादन किया है। प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि भारत सरकार खेती में नए समाधान और नए विकल्प प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। जैविक खेती को बढ़ावा देना भी इनमें से एक प्रयास है। उल्लेखनीय है कि जैविक खेती से अधिक लाभ पहुंचता है और अब युवा किसानों द्वारा भी पूरे देश में इसे अपनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब गंगा के दोनों किनारों पर और इसके 5 किलोमीटर के दायरे में जैविक खेती की जा रही है, जिससे गंगा साफ व स्वच्छ रहेगी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस महामारी के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड की समयसीमा बढ़ा दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सदी में एक बार आने वाली कोविड-19 जैसी महामारी विश्व को चुनौती दे रही है, क्योंकि यह हमारे सामने एक अदृश्य दुश्मन है।प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना
  3.  PM Kisan Samman Nidhi Scheme

  4. इस योजना में जोड़ने से पहले लाभार्थी किसानों के आधार कार्ड, बैंक खातों, भूमि स्वामित्व अभिलेख और मोबाइल नंबर आदि के माध्यम से संपूर्ण सत्यापन किया जाता है। इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें लाभार्थियों के बैंक खातों में बिना किसी बिचौलिये के इलेक्ट्रानिक माध्यम से एक बटन दबाकर सीधे धनराशि हस्तांतरित होती है। इससे एक तो इस धनराशि की बंदरबांट नहीं होती यानी 100 प्रतिशत राशि सीधे केवल पात्र किसानों को ही प्राप्त होती है और प्रशासनिक खर्चा भी कम होता है, जिससे सरकारी धन की बचत हो रही है। सारे देश के किसान मानते हैं कि मोदी सरकार की यह योजना उनके लिए अत्यंत लाभकारी है। किसानों के लिए यह राशि खाद, बीज, तेल आदि खरीदने, बच्चों की फीस, दवाई, सिंचाई एवं अन्य छोटे-मोटे खर्चों में बहुत कम आती है।
  5.  (पीएम-किसान) योजना

  1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना को भारत सरकार ने 1 दिसंबर, 2018 को लागू किया था।
  2. यह भारत सरकार से 100% वित्त पोषण के साथ एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है।
  3. पीएम-किसान योजना के तहत पात्र लाभार्थी किसान परिवारों को 6,000 रुपए प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है, जो चार-चार महीने की अवधि में 2,000 रुपए की तीन समान किश्तों में दिया जाता है। पैसे सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में डाले जाते हैं।
  4. इस योजना के तहत अब तक किसान परिवारों को 1.15 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की सम्मान राशि हस्तांतरित की जा चुकी है।
  5. इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित भू-स्वामियों को शामिल नहीं किया गया है:
  6. संस्थागत भू-स्वामित्व
  7. ऐसे भू-स्वामी जो वर्तमान अथवा पूर्व में संवैधानिक पदों पर रहे हों
  8. जिला पंचायत अध्यक्ष और उससे उपर के सभी जनप्रतिनिधिप्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना
  9. वर्तमान और पूर्व लोक सेवक

    लद्दाख की खुबानी का उत्पादन //खुबानी क्या है

  10.  PM Kisan Samman Nidhi Scheme

  11. आगामी वित्त वर्ष 2023-24 में इस योजना के लिए 60,000 करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया गया है। यह राशि पिछले वित्त वर्ष के संशोधित बजट अनुमान के बराबर ही है। इस योजना को शुरू हुए चार वर्षों से ज्यादा का समय बीत गया है, परंतु अभी तक इसके अंतर्गत मिलने वाली 6,000 रुपये की धनराशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है। सरकार में बैठे अर्थशास्त्री भी इस बात से सहमत होंगे कि वर्ष 2019 से अब तक मुद्रास्फीति यानी महंगाई दर के कारण इस धनराशि के लगभग एक तिहाई मूल्य का ह्रास हो चुका है।
  12. यदि केवल महंगाई दर के आधार पर ही आकलन किया जाए तो आगामी वित्त वर्ष से इसमें मिलने वाली धनराशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये किया जाना चाहिए था, परंतु पिछले चार वर्षों में फसलों की बढ़ती लागत का संपूर्ण आकलन करें तो आगामी वित्त वर्ष के बजट में इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर कम से कम 12,000 रुपये किया जाना अत्यंत आवश्यक है। इससे राजकोष पर 60,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार तो पड़ेगा, परंतु इससे करोड़ों किसान परिवारों का भला अवश्य हो जाएगा। केंद्र सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के लिए लगभग 45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। अतः इस अतिरिक्त धनराशि का आवंटन एवं समायोजन करना बहुत कठिन भी नहीं है। भविष्य में भी इस योजना की धनराशि को मुद्रास्फीति की दर में कम से कम पांच प्रतिशत जोड़कर प्रत्येक वर्ष बढ़ाया जाए, ताकि इस योजना की राशि का आर्थिक मूल्य सम्मानजनक बना रहे।

PM Kisan Samman Nidhi Scheme

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना

जो अर्थशास्त्री इस तर्क से सहमत न हों उन्हें यह याद दिलाना आवश्यक है कि वर्ष 2019 में घरेलू कंपनियों के आयकर यानी कारपोरेट टैक्स की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत करने से केंद्र सरकार पर लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था, जो हर साल बढ़ता जा रहा है। सरकार को आशा थी कि कारपोरेट टैक्स कम करने से कंपनियां निवेश बढ़ाएंगी, परंतु ऐसा नहीं हुआ। मांग के अभाव में जब अधिकांश उद्योग अपनी पूरी क्षमता पर उत्पादन न कर रहे हों तो नए उद्योगों में निवेश का कोई सवाल ही नहीं उठता। घरेलू मांग और उपभोग से ही हमारी जीडीपी का लगभग 60 प्रतिशत भाग आता है। अतः वैश्विक एवं अन्य कारणों से देश की मंद होती अर्थव्यवस्था में घरेलू मांग को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में धन का प्रवाह बढ़ाना होगा, जहां आज भी देश की 70 प्रतिशत आबादी बसती है।

  1.  PM Kisan Samman Nidhi Scheme

  2. यदि प्रत्येक किसान परिवार को पीएम-किसान योजना में 12,000 रुपये सालाना मिलने लगें तो ग्रामीण क्षेत्रों में तुरंत क्रय-शक्ति बढ़ेगी और इस राशि को खर्च करने से देश की अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ेगी। मांग बढ़ने से बिक्री, उत्पादन और अंततः रोजगार भी बढ़ेगा। धन के इस अतिरिक्त प्रवाह का अर्थव्यवस्था पर गुणक प्रभाव (मल्टीप्लायर इफेक्ट) भी पड़ेगा, जिससे आर्थिकी को गति मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप सरकार को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, दोनों मदों में और ज्यादा टैक्स मिलेगा। यदि वास्तविक आर्थिक आकलन किया जाए तो पीएम-किसान योजना पर खर्च की गई अतिरिक्त धनराशि बढ़े हुए टैक्स के रूप में सरकार के पास वापस आ जाएगी। मंदी को मात देकर पांच ट्रिलियन (लाख करोड़) डालर की अर्थव्यवस्था बनने का सपना ग्रामीण भारत में बसने वाली 70 प्रतिशत आबादी के आर्थिक सशक्तीकरण से ही संभव है।
  3. मोदी सरकार ने वर्ष 2014 से ही गरीब कल्याण की योजनाओं पर बल दिया है, जिसका राजनीतिक लाभ भी भाजपा को मिला है। एक वर्ष बाद आम चुनाव हैं। किसानों को आशा है कि सरकार आगामी वित्त वर्ष के बजट को पारित करते समय पीएम-किसान योजना का बजट आवंटन बढ़ाकर किसानों को सालाना कम से कम 12,000 रुपये प्रति किसान हस्तांतरण करना अवश्य सुनिश्चित करेगी। इसके राजनीतिक और आर्थिक, दोनों लाभ हैं।
  4. PM Kisan Samman Nidhi Scheme

    Natu Natu gave India the Oscar Award//नाटू नाटू ने भारत को दिलाया ऑस्कर अवार्ड 2023

    Home and away: On rumours and fake news about migrant workers in TN

Leave a Comment