आखिर क्या है राइट टू हेल्थ बिल 2023

आखिर क्या है राइट टू हेल्थ

आखिर क्या है राइट टू हेल्थ राज्य के नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं प्रदान करने के लिए राजस्थान सरकार के द्वारा राइट टू हेल्थ बिल विधानसभा में ध्वनि मत से पारित किया गया इस बिल के द्वारा राज्य के समस्त नागरिकों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाएगी अब सभी नागरिकों को अनिवार्य मुक्त आपातकालीन सुविधाएं निजी अस्पतालों में भी मिल पाएगी लेकिन जब यह बिल पारित हुआ है उसी दिन से निजी अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर उतर आए हैं और इस बिल का विरोध कर रहे हैं इससे राज्य में जो मरीज है उनको इधर-उधर भटकना पड़ रहा है समय पर इलाज नहीं मिल पाने की वजह से काफी मरीजों ने अपना दम तोड़ दिया है एक तरफ डॉक्टर को भगवान कहा जाता है तो दूसरी तरफ निजी अस्पतालों के डॉक्टर का यह रवैया मानवता के लिए अच्छा नहीं है पिछले 10 दिनों से डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं और 28 मार्च बड़ी रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं देश के अन्य इलाकों में भी कई जगह इनको समर्थन मिल रहा है सरकार के साथ बातचीत भी लगातार विफल रह रही है इस बीच जो मरीजों के सामने जो संकट है वह बहुत बड़ा है उनको सुविधाएं और इलाज नहीं मिल पा रहा है जिसकी वजह से अव्यवस्था फैल रही है और मरीज ही दम तोड़ रहे हैं इसके लिए सरकार और डॉक्टर आपस में बातचीत करें इसका हल निकालना बहुत जरूरी है।

आखिर क्या है राइट टू हेल्थ

वाटर विजन 2047

राइट टू हेल्थ बिल 2023

आखिर क्या है राइट टू हेल्थ

Right to health bill क्या है।

राजस्थान सरकार के द्वारा अभिनव प्रयास के तहत कोई भी इलाज के अभाव में अपना दम नहीं तोड़ेगा उसके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने संबंधी अधिकार प्रदान किए गए हैं सूचना का अधिकार शिक्षा का अधिकार लोक सेवा गारंटी अधिनियम स्वास्थ्य का अधिकार राजस्थान में लागू कर दिया गया है अब निजी अस्पतालों में भी आपातकालीन इलाज संभव हो पाएगा जिसकी समस्त राशि राज्य सरकार वहन करेगी दुर्घटना की स्थिति में जीवन को बचाने के लिए पहले कुछ घंटे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं इस को ध्यान में रखते हुए बिना फीस और चार्जेस का पूर्व भुगतान की और पुलिस रिपोर्ट का इंतजार करने की जरूरी नहीं है उसका उपचार प्रारंभ किया जाएगा और उसकी समस्त राशि सरकार वहन करेगी दुर्घटना में भी निशुल्क परिवहन चिरंजीवी योजना के अंतर्गत निशुल्क इलाज एवं दुर्घटना बीमा का भी लाभ मिलेगा इस बिल में निजी अस्पताल को भी इलाज सरकारी अस्पतालों की तरह निशुल्क करना होगा साथ ही किसी भी प्रकार से अगर कोई शिकायत आती है तो उसको 24 घंटे में निपटारा करना होगा दुर्घटना में घायल मरीज को अस्पताल पहुंचाने वाले नागरिक को ₹5000 प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसमें डॉक्टर और किसी भी मरीज द्वारा इन प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो ₹25000 तक का जुर्माना वन करना होगा अगर एक बार ही उल्लंघन हुआ है तो ₹10000 की राशि का जुर्माना देना होगा।

आखिर क्या है राइट टू हेल्थ

राइट टू हेल्थ बिल का राजस्थान में विरोध क्यूं हो रहा है।

राइट टू हेल्थ बिल 2023

राजस्थान में 23 मार्च 2023 को स्वास्थ्य अधिकार संबंधित बिल पारित हो गया यह पारित होते ही राज्य के निजी अस्पताल आपातकालीन सुविधाओं में मरीज को इलाज उपलब्ध कराने के लिए बाध्य हो जाएंगे और यदि उनके पास पैसा नहीं है तो भी उसका इलाज निजी अस्पतालों को करना पड़ेगा और यह राशि राज्य सरकार वहन करेगी इसके खिलाफ निजी स्थलों के डॉक्टर 20 मार्च से हड़ताल पर हैं और स्वास्थ्य संबंधी विभागों के अध्यक्षों के द्वारा लगातार बातचीत हो रही है और बिल वापसी को लेकर डॉक्टर से मांग कर रहे हैं लेकिन यह वार्ता विफल रही है सरकार यह बता रही है की स्वास्थ्य संबंधी अधिकार नागरिकों के लिए कितना महत्वपूर्ण है इसीलिए इसे लागू किया गया है ताकि प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य संबंधी अधिकार मिल सके और उसको बेहतर चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो सके इसके लिए सरकार यह बिल लेकर आई थी लेकिन निजी अस्पतालों के डॉक्टर इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं और जिसका नतीजा यह हो रहा है कि राज्य में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं चरमरा गई है

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