भारतीय गैंडे
- भारतीय गैंडे हाल ही में असम के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि 2022 में राज्य में किसी गैंडे का शिकार नहीं किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- वितरण क्षेत्र : भारतीय गैंडा (Rhinoceros unicornis) केवल ब्रह्मपुत्र घाटी, उत्तरी बंगाल के कुछ हिस्सों और दक्षिणी नेपाल के कुछ हिस्सों में पाया जाता है।
- विशेषताएँ: इसमें एक काला सींग होता है जो 60 सेमी. तक बढ़ सकता है। इसकी त्वचा भूरे रंग की, परतदार एवं सख्त होती है, जो इसके शरीर पर एक विशिष्ट कवच के समान प्रतीत होती है।
- संरक्षण: भारतीय गैंडे को IUCN रेड लिस्ट में ‘सुभेद्य श्रेणी’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इसे पहले ‘लुप्तप्राय श्रेणी’ में रखा गया था।
- जनसंख्या:WWF के अनुसार, वर्तमान में लगभग 3,700 भारतीय गैंडे मौजूद हैं। मार्च, 2022 में की गई जनगणना के अनुसार, अकेले असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 2,613 भारतीय गैंडे हैं। ओरंग, पोबितोरा और मानस पार्कों में 250 से अधिक अन्य गैंडे हैं।
भारतीय गैंडे
गैंडों का शिकार:
- गैंडों का शिकार उनके सींग के लिए किया जाता है, जो कुछ संस्कृतियों में बेशकीमती है।
- ग्राउंड राइनो हॉर्न का उपयोग पारंपरिक चीनी चिकित्सा में कैंसर से लेकर कामोत्तेजक के रूप में कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। वियतनाम में गैंडे के सींग को ‘स्टेटस सिंबल’ माना जाता है।
सागर परिक्रमा कार्यक्रम
भारतीय गैंडे के संरक्षण के लिए प्रयास
- 1975 में भारतीय गैंडे को CITES की सूची-I में शामिल कर लिया गया था। भारत में इसके शिकार को 1910 में ही प्रतिबंधित कर दिया गया था।
- 1970 के दशक में शुरू किए गए संरक्षण कार्यक्रम की वजह से अब इनकी संख्या बढ़कर 3700 से ज्यादा हो गयी है और इनमें से 170 से अधिक गैंडे दुनियाभर के 66 चिड़िया घरों में हैं।
- यह एशिया की ऐसी एकमात्र स्तनधारी प्रजाति है जिसे 2008 में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की सूची में विलुप्तप्राय से असुरक्षित प्रजाति की रेड सूची में डाला दिया गया था।
- 2019 में नई दिल्ली में आयोजित गैंडा रेंज के अंतर्गत आने वाले एशियाई देशों की बैठक के दौरान भारत सहित गैंडा रेंज के चार देशों ने “एशियाई गैंडों पर नई दिल्ली घोषणा-2019” (New Delhi Declaration on Asian Rhinos 2019) हस्ताक्षर किए थे।
- गैंडों के अवैध शिकार को रोकने के लिए पहल – 2019 में, असम सरकार ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में गैंडों के अवैध शिकार और संबंधित गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक विशेष राइनो सुरक्षा बल का गठन किया।
- 2021 में 22 सितंबर (विश्व राइनो दिवस) पर, गैंडों के सींगों के बारे में मिथकों को तोड़ने और शिकारियों और तस्करों को एक जोरदार और स्पष्ट संदेश भेजने के लिए केएनपी में लगभग 2,500 गैंडों के सींग सार्वजनिक रूप से जलाए गए थे कि ऐसी वस्तुओं का कोई मूल्य नहीं है।
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