पश्चिमी विक्षोभ
एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ (डब्ल्यूडी) ने हाल ही में उत्तरी भारत में दस्तक दी है, जिसके लिए अधिकारियों ने अधिक ऊंचाई पर मध्यम वर्षा और बर्फबारी का अनुमान लगाया है।
पश्चिमी विक्षोभ:
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department-IMD) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ ऐसे तूफान हैं जो कैस्पियन या भूमध्य सागर में उत्पन्न होते हैं तथा उत्तर-पश्चिम भारत में गैर-मानसूनी वर्षा के लिये ज़िम्मेदार होते हैं।
- इन्हें भूमध्य सागर में उत्पन्न होने वाले एक ‘बहिरूष्ण उष्णकटिबंधीय तूफान’ के रूप में चिह्नित किया जाता है, जो एक निम्न दबाव का क्षेत्र है तथा उत्तर-पश्चिम भारत में अचानक वर्षा, बर्फबारी एवं कोहरे के लिये ज़िम्मेदार हैं।
- पश्चिमी विक्षोभ का अर्थ इसके नाम में निहित है। यह विक्षोभ ‘पश्चिम’ से ‘पूर्व’ दिशा की ओर आता है।
- ये विक्षोभ अत्यधिक ऊँचाई पर पूर्व की ओर चलने वाली ‘वेस्टरली जेट धाराओं’ (Westerly Jet Streams) के साथ यात्रा करते हैं।
- विक्षोभ का तात्पर्य ‘विक्षुब्ध’ क्षेत्र या कम हवा वाले दबाव क्षेत्र से है।
सागर परिक्रमा कार्यक्रम
- प्रकृति में संतुलन मौजूद है जिसके कारण एक क्षेत्र में हवा अपने दबाव को सामान्य करने की कोशिश करती है।
- “बहिरूष्ण कटिबंधीय तूफान” शब्द तूफान, कम दबाव के क्षेत्र को संदर्भित करता है तथा “अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय” का अर्थ है उष्णकटिबंधीय के अतिरिक्त। चूंकि पश्चिमी विक्षोभ की उत्पत्ति उष्णकटिबंधीय क्षेत्र से बाहर होती है, इसलिये “बहिरूष्ण कटिबंधीय” शब्द उनके साथ जुड़ा हुआ है।
- पश्चिमी विक्षोभ का संबंध उत्तरी भारत में वर्षा, हिमपात और कोहरे से जुड़ा है। यह पाकिस्तान व उत्तरी भारत में वर्षा एवं हिमपात के साथ आता है। पश्चिमी विक्षोभ अपने साथ जो नमी ले जाते हैं वह भूमध्य सागर और/या अटलांटिक महासागर से आती है।
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पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ सर्दी और मानसून पूर्व बारिश करते हैं तथा उत्तरी उपमहाद्वीप में रबी की फसल के विकास में महत्त्वपूर्ण है।
- पश्चिमी विक्षोभ हमेशा अच्छे मौसम के अग्रदूत नहीं होते हैं। कभी-कभी ये अचानक बाढ़, भूस्खलन, धूल भरी आंधी, ओलावृष्टि और शीत लहर जैसी चरम मौसम की घटनाओं का कारण बन सकते हैं, लोगों की जान ले सकते हैं, बुनियादी ढांचे को नष्ट कर सकते हैं तथा लोगों की आजीविका को प्रभावित कर सकते हैं।
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