Go first विमान कंपनी हुई दिवालिया

Go first विमान कंपनी हुई दिवालिया

Go first विमान कंपनी हुई दिवालिया लगता है एक के बाद एक कंपनियां दिवालिया हो रही है और अब खबर आई है विमानन क्षेत्र से जहां घरेलू मार्केट में लगभग 7% हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी को गो फर्स्ट अब दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है  इस कंपनी ने अपनी सभी घरेलू उड़ान 3 और 4 मई की रद्द कर दी गई है पहले से बुकिंग कर चुके यात्रियों को जल्दी टिकट का रिफंड कर दिया जाएगा गो फर्स्ट जो वाडिया ग्रुप की कंपनी है इस कंपनी ने एनसीएलटी में वॉलंटरी इंसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स के लिए आवेदन कर दिया है इस कंपनी के सीईओ कौशिक खोना ने इस संबंध में जानकारी प्रदान की है मिस्टर कौशिक ने कहा कि हमारे बेड़े के 57 विमानों में से 28 विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं और इसका कारण है इंजन बनाने वाली कंपनी प्रैट एंड विटनी ने इंजन देने से इनकार कर दिया है। और इसलिए फंड की भारी कमी हो गई है विमानन कंपनी को गो फर्स्ट के पास केस खत्म हो चुका है और कंपनी द्वारा ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का बकाया भुगतान भी नहीं चुका पा रही है और इस कारण कंपनियों ने उसे तेल देने के लिए मना कर दिया।

Go first विमान

Go first विमान कंपनी हुई दिवालिया / Go first यात्रियों का पैसा कब लौट आएगी

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फैसला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन मजबूरी में यह कंपनी के हितू के लिए फैसला लेना पड़ा इस बारे में डीजीसीए ने Go-first को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है और उसमें यह पूछा गया है कि बगैर जानकारी दिए ही आपने सभी उड़ाने रद्द क्यों की।  जुलाई 2022 में गो फर्स्ट ने पहली बार विमानों को ग्राउंड किया था उसके बाद ही शेयर मार्केट में लगातार कंपनी के शेयर गिर रहे हैं फरवरी में से 8% पर आ गए थे जबकि पिछले साल मई में यह 11% थे गो – फर्स्ट को 2021-22 में 1785 करोड रुपए का नुकसान हुआ था और पिछले साल 860 करोड रुपए का नुकसान हुआ है लगातार हो रहे नुकसान को देखते हुए इस प्रकार के फैसला कंपनी को लेना पड़ रहा है लेकिन विमानन मार्केट में 7% की हिस्सेदारी इस कंपनी के पास है इसका अतिरिक्त बाहर अन्य कंपनियों पर आएगा क्योंकि लगभग 27 हजार से 28 हजार यात्री गो- फर्स्ट से यात्रा करते हैं अब वह दूसरे एलाइंस ऊपर निर्भर हो जाएंगे।

जब गो – फर्स्ट ने दिवालिया होने के लिए आवेदन कर दिया है तो अब क्या होगा

आगे  एनसीएलिटी इमरजेंसी आर्टिटेटर अब इसका फैसला लेगा जो इंजन सप्लायर कंपनी है वह सस्पेंड हो जाएगा इससे फंड की एक बार किल्लत नहीं होगी और गो फर्स्ट की सभी उड़ाने अगस्त,सितंबर से फिर से शुरू हो जाएगी।

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 विमानन क्षेत्र पर इसका क्या असर होगा।

गो – फर्स्ट की सभी घरेलू उड़ानें रद्द होने के कारण अन्य कंपनियों पर इसका यात्री बाहर रहेगा क्योंकि इसकी लगभग 7 परसेंट हिस्सेदारी है यानी लगभग 27 से 28 हजार यात्री दूसरी एयरलाइंस से यात्रा कर पाएंगे इससे अन्य एयरलाइंस पर यात्री भार बढ़ जाएगा और पायलेट्स की डिमांड भी बढ़ जाएगी।

 केंद्र सरकार इसके बारे में क्या निर्णय लेगी।

वैसे तो 2014 के बाद में सरकार के समय स्पाइसजेट भी दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई थी और 2019 में जेट एयरवेज की भी हालत खराब हो गई थी विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को स्थिति को संभालने का प्रयास करना चाहिए साथ ही जो विमानन कंपनी को इंजन सप्लाई करती है उसकी जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए।  डीजीसीए को आपातकालीन स्थिति के लिए दूसरे एयरलाइंस की तैयारी करनी होगी।

 विमानन क्षेत्र में किस कंपनी की कितनी भागीदारी है।

विमानन क्षेत्र में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी इंडिगो की है 54%है उसके बाद में एयर इंडिया का नंबर आता है जो 11% के साथ दूसरे नंबर पर स्पाइसजेट तीसरे नंबर के साथ 10% है गो फास्ट पांचवे नंबर के साथ 7% पर है विस्तारा का 9% है एयर एशिया लगभग 6% हिसेदारी रहती है।

Go first विमान

आगे की दिशा।

विमानन कंपनी गो फर्स्ट ने दिवालिया घोषित होने के लिए आवेदन कर दिया है जब इस कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया जाएगा उसके बाद यह कंपनी अपने प्रयास करके अगस्त, सितंबर तक वापस यात्रा शुरु करेंगी यात्रियों को घबराने की आवश्यकता नहीं जिनके 3 और 4  मई को टिकट बुक थी उनका पैसा वापस रिफंड किया जाएगा।

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