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हिमालयन Griffon Vulture
- हिमालयन Griffon Vulture हाल ही में हिमालय क्षेत्र में पाया जाने वाला सबसे बड़ा और एक दुर्लभ पक्षी ‘हिमालयन ग्रिफन गिद्ध’ पहली बार प्वाइंट कैलिमेर वन्यजीव और पक्षी अभयारण्य में देखा गया है।
हिमालयन ग्रिफन गिद्ध (Himalayan Griffon Vulture) के बारे में
- ‘हिमालयन ग्रिफन-Himalayan Griffon’ अथवा जीप्स हिमालयनसीस एक बड़े आकार का फीके पीले रंग का गिद्ध होता है, जो लगभग सम्पूर्ण हिमालय क्षेत्र में पाया जाता है।
- हिमालय में यह काबुल से लेकर तिब्बत और भूटान तक पाए जाते हैं।
- इसके पंख काफी बड़े होते हैं और इसकी पूंछ छोटी होती है। इसकी गर्दन सफेद पीले रंग की होती है।
- ये हिमालय में 1200 से 5000 मीटर तक की ऊंचाई पर देखे जा सकते हैं।
- ये गिद्ध दिन के समय सक्रिय होते हैं और हमेशा मरे हुए जानवरों को खाते हैं, कभी भी स्वयं शिकार नहीं करते है।
- इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की रेड लिस्ट में इस गिद्ध को “संकटापन्न” (Near Threatened या NT) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
- इस पक्षी को प्वाइंट कैलिमेर वन्यजीव और पक्षी अभयारण्य में देखा जाना एक विचित्र घटना है क्योंकि यह समान्यतः ऊंचे हिमालयी क्षेत्रों में ही पाया जाता है।
भारत में गिद्ध संरक्षण के प्रयास
- हाल ही में राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड (NBWL) ने गिद्धों के संरक्षण के लिए गिद्ध संरक्षण कार्य योजना 2020-2025 को मंजूरी दी है। जिसके तहत गिद्धों के लिए जहर बन रही मवेशियों के इलाज में प्रयोग की जाने वाली दवाओं को भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल द्वारा प्रतिबंधित किया जाएगा।
- इस कार्य योजना में उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडू में गिद्ध संरक्षण और प्रजनन केन्द्रों की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है।
- गांधीनगर, गुजरात में आयोजित CMS-CoP-13 में गिद्ध बहु- प्रजाति कार्य योजना की पहली रणनीति भी शुरू की गयी।
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हिमालयन Griffon Vulture
- इस रणनीति के प्रमुख बिन्दु निम्नलिखित है:
- अनजाने विषाक्त पदार्थों के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम करने का प्रयास।
- नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इन्फ़्लमेटरी दवाओं के कारण मृत्यु दर को कम का प्रयास।
- गिद्ध के अंगों के व्यापार में रोक लगाना।
- शिकारियों द्वारा किए जाने वाले जहर के उपयोग को प्रतिबंधित करना।
- सभी सदस्य देशों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर एक गिद्ध संकट से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय गिद्ध टास्क फोर्स का गठन किया जाना
- 2029 में इस गिद्ध बहु-प्रजाति कार्य योजना (Vulture-MsAP) के मूल्यांकन की रिपोर्ट जारी करना।
प्वाइंट कैलिमेर वन्यजीव और पक्षी अभयारण्य के बारे में
- प्वाइंट कैलिमेर वन्यजीव अभयारण्य तमिलनाडु के नागापट्टिनम जिले में स्थित है। प्वाइंट कैलिमेर के पास ही पाक जलडमरूमध्य स्थित है।
- भारत की स्थानिक प्रजाति ब्लैकबक एंटीलोप के संरक्षण के लिए 1967 में प्वाइंट कैलिमेर वन्यजीव अभयारण्य बनाया गया था।
- ब्लैकबक के अलावा, अभयारण्य के अन्य जानवरों में चित्तीदार हिरण, सियार, बोनट बंदर, जंगली सूअर, छोटे-नट वाले फल-बल्ले, छोटे भारतीय केवेट, कॉमन मोंगोज़, ब्लैकपेड हरे, फ़रल पोनी मॉनिटर छिपकली और स्टार कछुआ शामिल हैं।
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