Trade Infrastructure for Export Scheme
चर्चा में क्यों?
- Trade Infrastructure for Export Scheme भारत सरकार के वाणिज्य विभाग ने उचित बुनियादी ढाँचे का निर्माण कर निर्यात को बढ़ावा देने के लिये निर्यात हेतु व्यापार अवसंरचना योजना (Trade Infrastructure for Export Scheme- TIES) लागू की है।
प्रमुख बिन्दु-
- केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने वर्ष 2017 में निर्यात योजना (TIES) के लिये व्यापार अवसंरचना योजना शुरू किया।
- यह योजना निर्यात और विकास के लिए व्यापार अवसंरचना योजना तैयार करने के लिए राज्यों को सहायता (Assistance to States for creating Infrastructure for the Development and growth of Exports -ASIDE) नामक केंद्र प्रायोजित योजना को प्रतिस्थापित करती है।
- TIES का उद्देश्य निर्यात अवसंरचना में अंतर को कम करके, निर्यात अवसंरचना और प्रथम-मील और अंतिम-मील कनेक्टिविटी का निर्माण करके निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना है।
पात्रता:
- भारत सरकार की EXIM नीति के तहत मान्यता प्राप्त निर्यात संवर्धन परिषद, कमोडिटी बोर्ड, SEZ प्राधिकरण और सर्वोच्च व्यापार निकाय सहित केंद्रीय और राज्य एजेंसियां; इस योजना के तहत वित्तीय सहायता के लिए पात्र हैं।
कार्य
- यह योजना बॉर्डर हाट, भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों, गुणवत्ता परीक्षण और प्रमाणन प्रयोगशालाओं, कोल्ड चेन, व्यापार संवर्धन केंद्र, ड्राई पोर्ट, निर्यात भंडारण और पैकेजिंग, SEZs और बंदरगाहों / हवाई अड्डों कार्गो टर्मिनस जैसे भारी निर्यात लिंकेज के साथ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की स्थापना और अपग्रेडेशन के लिए सहायता प्रदान करेगी।
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वित्तीय सहायता की सीमा:
- बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिये केंद्र सरकार की सहायता अनुदान सहायता के रूप में होगी, आमतौर पर कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा लगाई जा रही इक्विटी या परियोजना में यह कुल इक्विटी के 50% से अधिक नहीं होगी।
- उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी राज्यों में स्थित परियोजनाओं के मामले में (जम्मू-कश्मीर, लद्दाख संघ शासित प्रदेशों सहित) यह अनुदान कुल इक्विटी का 80% तक हो सकता है।
- उन परियोजनाओं की नकारात्मक सूची जिन पर इस योजना के तहत विचार नहीं किया जाएगा:
- ऐसी परियोजनाएँ जो टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, IT जैसी क्षेत्र विशिष्ट योजनाओं के अंतर्गत आती हैं।
- सामान्य बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ जैसे राजमार्ग, बिजली आदि।
- सामान्य बुनियादी ढाँचागत परियोजनाएँ जैसे राजमार्ग, बिजली आदि।
- ऐसी परियोजनाएँ जहाँ अत्यधिक निर्यात लिंकेज स्थापित नहीं किया जा सकता है।
Trade Infrastructure for Export
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स्रोत: पीआईबी और वाणिज्य मंत्रालय