Whistle Blower
सुर्खियों में क्यों?
Whistle Blower अमेरिकी सैन्य विश्लेषक डैनियल एल्सबर्ग, जिन्होंने वर्ष 1971 में पेंटागन पेपर्स जारी करके
सार्वजनिक हंगामा खड़ा किया था, का हाल ही में निधन हो गया।
व्हिसल ब्लोइंग क्या है?
- व्हिसिल ब्लोइंग जनता का ध्यान या किसी प्राधिकारी व्यक्ति का ध्यान आकर्षित करने का कार्य
है।
- यह सार्वजनिक, निजी या तीसरे क्षेत्र के संगठनों के भीतर कथित गलत काम, कदाचार, अनैतिक
गतिविधि के लिए किया जाता है।
- भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, बदमाशी, स्वास्थ्य और सुरक्षा उल्लंघन और भेदभाव, व्हिसिल ब्लोअर द्वारा
उजागर की जाने वाली सामान्य गतिविधियाँ हैं।
व्हिसिल ब्लोअर के प्रकार
- आंतरिक व्हिसिल ब्लोअर- व्हिसिल ब्लोअर उन संगठनों के उच्च अधिकारियों को सूचित या रिपोर्ट
करते हैं जहां गलत कार्य किया जा रहा है।
- बाहरी व्हिसिल ब्लोअर- वे बाहरी लोगों- मीडिया, सरकारी कार्यालय आदि को गलत घटनाओं की
रिपोर्ट करते हैं।
भारत में व्हिसिल ब्लोइंग की क्या स्थिति है?
- वर्ष 2011 में विधि आयोग ने सिफारिश की कि व्हिसिल ब्लोअर्स की सुरक्षा के लिए एक कानून
बनाया जाना चाहिए।
- 2004 में सरकार ने एक संकल्प "सार्वजनिक हित प्रकटीकरण और व्हिसल ब्लोअरों की सुरक्षा
संकल्प (पीआईडीपीआईआर)" अधिसूचित किया।
- शक्ति – प्रस्ताव ने केंद्रीय सतर्कता आयोग को व्हिसल ब्लोइंग की शिकायतों पर कार्रवाई करने की
शक्ति दी गई है।
- 2014 में भारत ने व्हिसिल ब्लोअर्स के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय प्रदान करने के लिए व्हिसल
ब्लोअर्स संरक्षण अधिनियम लागू किया।
- कंपनी अधिनियम 2013 – यह स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध संस्थाओं के लिए व्हिसल ब्लोअर
शिकायतों की जांच के लिए एक ऑडिट समिति स्थापित करना अनिवार्य बनाता है।
- संस्थागत समर्थन – भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास व्हिसिल ब्लोअर की सुरक्षा
के लिए कानून बनाने के लिए कंपनियों को विनियमित करने के दिशानिर्देश हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन – 2005 में भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन का
हस्ताक्षरकर्ता बन गया।
- यह सार्वजनिक या निजी संस्थाओं द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की रिपोर्टिंग और व्हिसल ब्लोअर्स को
उनके द्वारा सामना किए जाने वाले प्रतिशोध से बचाने के बारे में बात करता है।
भारत में व्हिसिल ब्लोइंग के प्रसिद्ध उदाहरण
- शनमुगम मंजूनाथ मामला:- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के एक अधिकारी की हत्या कर दी गई
क्योंकि उन्होंने मिलावटी ईंधन का खुलासा किया था।
- ललित मेहता मामला:- एक कार्यकर्ता जिसने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा)
योजना में भ्रष्टाचार का खुलासा किया था।
- आईपीएस नरेंद्र कुमार सिंह मामला:- एक भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी जिनकी मध्य प्रदेश में
अवैध खनन का खुलासा करने के बाद हत्या कर दी गई थी।
- व्यापम घोटाला:- यह मध्य प्रदेश में आनंद राय द्वारा उजागर किए गए भारत के शैक्षिक और
भर्ती घोटालों में सबसे कुख्यात प्रकरणों में से एक था।
व्हिसल ब्लोअर संरक्षण अधिनियम, 2014 के तहत क्या प्रावधान हैं?
- उद्देश्य- भ्रष्टाचार, संपत्ति की हेराफेरी और सत्ता के दुरुपयोग को रोकना।
- प्रयोज्यता(Applicability)-कानून केवल सार्वजनिक क्षेत्र पर लागू होता है और लोक सेवकों को
लक्षित करता है।
- शिकायत दर्ज करना- सार्वजनिक हित का खुलासा करने के लिए किसी लोक सेवक या किसी अन्य
व्यक्ति द्वारा शिकायत दर्ज की जा सकती है।
- सद्भावना की आवश्यकता-रिपोर्ट अच्छे विश्वास में प्रस्तुत की जानी चाहिए ताकि व्हिसिल ब्लोअर
को जानकारी गलत होने की स्थिति में मानहानि के दावों और अभियोजन से छूट मिल सके।
- व्हिसिल ब्लोअर के लिए शर्तें
कदाचार का कृत्य देखे जाने पर व्हिसिल ब्लोअर को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
व्हिसिल ब्लोअर को अपनी पहचान अवश्य बतानी होगी। अन्यथा उनकी रिपोर्ट पर विचार नहीं
किया जायेगा।
गुमनाम और झूठी पहचान वाली शिकायतों को प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा।
- प्राधिकारी- रिपोर्ट सक्षम प्राधिकारी को सौंपी जाती है, जिसे व्हिसिल ब्लोअर की पहचान छिपानी
होगी।
- इसके बाद शिकायत विभाग प्रमुख को भेज दी जाती है।
- व्हिसिल ब्लोअर विभाग के प्रमुख को पहचान उजागर करने या प्राधिकरण को आवश्यक साक्ष्य
प्रदान करने का विकल्प चुन सकता है।
- अपील न्यायालय – सक्षम प्राधिकारी से पीड़ित कोई भी व्यक्ति आदेश की तारीख से 60 दिनों के
भीतर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है।
- अपवाद- व्हिसिल ब्लोअर उन मामलों पर रिपोर्ट नहीं कर सकता जो भारत की संप्रभुता को नुकसान
पहुंचा सकते हैं या इसकी राष्ट्रीय सुरक्षा को सीधे नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- जुर्माना– शिकायतकर्ता की पहचान उजागर करने वाले व्यक्ति पर जुर्माना और शिकायतकर्ता की
गलत पहचान बताने पर जुर्माने का प्रावधान है।
ब्लोइंग का क्या महत्व है?
- पारदर्शिता में सुधार- इससे भ्रष्टाचार, गंभीर कदाचार और अवैध गलत कार्यों से निपटने में मदद
मिलेगी।
- सार्वजनिक विश्वास- यह जवाबदेही सुनिश्चित करता है और सरकार के प्रति जनता का विश्वास
बढ़ाता है।
- लोगों के अधिकारों की रक्षा करें- लोगों को सरकार में होने वाली घटनाओं के बारे में पता होना
चाहिए तथा गंभीर कदाचार को उजागर करने के लिए उचित तंत्र होना चाहिए।
- न्याय को सक्षम बनाता है- यह शक्ति के अपरिहार्य दुरुपयोग से सुरक्षा और संरक्षण का वातावरण
प्रदान करता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में व्हिसिल ब्लोअर संरक्षण
- जांच तंत्र – कर्मचारियों के खिलाफ प्रतिशोध की शिकायतों की जांच उन जांचकर्ताओं द्वारा की
जाती है जो तटस्थ हैं।
- वे तटस्थ तथ्य-खोजकर्ता हैं और वे शिकायतकर्ता या प्रतिवादी के लिए काम नहीं करते हैं।
- व्हिसिल ब्लोअर्स को मजबूत सुरक्षा देने के लिए भारत में इस प्रथा को अपनाया जा सकता है।
स्रोत: द हिंदू और prsindia.org
Whistle Blower
RELATED LINK