River rafting in Ganga
River rafting in Ganga मनुष्य की जीवन में यात्रा का एक अलग ही महत्व है यात्रा के माध्यम से हम न केवल सांस्कृतिक परिदृश्य से रूबरू होते हैं बल्कि आर्थिक और सामाजिक और भौतिक स्वरूप से भी हम रूबरू होते हैं इसी कड़ी में हम आज बात करेंगे गंगा नदी में रिवर राफ्टिंग की भारत में कई नदियों में रिवर राफ्टिंग होती है लेकिन गंगा नदी में रिवर राफ्टिंग का एक अलग ही महत्व है क्योंकि भारतीय शास्त्रों में गंगा को सबसे पवित्र नदी माना गया है और गंगा स्नान का मतलब है सभी पापों से मुक्त होना यह शास्त्रों में कहा गया है तो अपन जाने का प्रयास करेंगे की। गंगा नदी में रिवर राफ्टिंग कहां से शुरू होती है और उसकी प्रक्रिया क्या है।
गंगा नदी का उद्गम स्थल।
गंगा नदी उत्तराखंड राज्य के गंगोत्री से 18 किलोमीटर दूर गोमुख से निकलती है और यह हरिद्वार के आसपास यह नदी मैदानी भागों में प्रवेश करती है हरिद्वार से पहले कई नदियां गंगा में सम्मिलित होती है।
गंगा में रिवर राफ्टिंग कहां से शुरू होती है?
गंगा नदी में रिवर राफ्टिंग ऋषिकेश में होती है जो हरिद्वार से पहले पड़ता है ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग के अलग-अलग केंद्र बने हुए हैं। वहां से आप रिवर राफ्टिंग के लिए जा सकते हैं जिसमें प्रति व्यक्ति अलग-अलग चार्ज वसूला जाता है रिवर राफ्टिंग 9 किलोमीटर 12 किलोमीटर और 16 किलोमीटर की होती है जिसमें 9 किलोमीटर के लिए राफ्टिंग के 450 रुपए 12 किलोमीटर राफ्टिंग के 650 रुपए और 16 किलोमीटर के लिए राफ्टिंग के लिए 850 रुपए का चार्ज वसूला जाता है राफ्टिंग को कैमरे के कवरेज में लेना चाहते हैं तो प्रति व्यक्ति चार्ज₹1000 के लगभग होता है। इसमें ऋषिकेश में दर्जन भर से ज्यादा ऐसे काउंटर बने हुए हैं जहां राफ्टिंग के लिए आप बुकिंग कर सकते हैं और गंगा नदी में शिवपुरी से 16 किलोमीटर की राफ्टिंग शुरू होती है जो अधिकतम है।
गंगा नदी में राफ्टिंग करने का उचित समय
गंगा नदी में मानसून और जून को छोड़कर के आप किसी भी समय में राफ्टिंग कर सकते हैं क्योंकि उसे समय पानी का लेवल सामान्य रहता है जबकि बारिश के मौसम में पानी का लेवल ऊपर नीचे होता रहता है जिसमें समस्या खड़ी हो सकती है और जून में गर्मी की वजह से नदी में पानी की मात्रा अधिक रहती है इसलिए राफ्टिंग बंद कर दी जाती है।
क्या राफ्टिंग से आपको डर लगता है।
वैसे तो नदी में उतारना अपने आप में जोखिम भरा जाता है लेकिन जब राफ्टिंग के लिए आप जाते हैं तो आपके पास लाइफ जैकेट होती है जो नदी में आपको डूबने नहीं देती है और जब रैपिड में आप नदी में गिर जाते हैं तो भी है आपको बचा लेगी। राफ्टिंग के लिए जो ट्यूब इस्तेमाल की जाती है वह ट्यूब आपको पानी में नहीं गिरने देगी। क्योंकि हम जब बैठते हैं तो अपने पैरों को उसमें लॉक कर लेते हैं और जब रैपिड में अपन पैडल चलाते हैं तो लहर की दिशा भ्रमित हो जाती है जिससे लहर उतनी खतरनाक नहीं होती है और आसानी से हम रैपिड को पार कर लेते हैं शिवपुरी से लेकर 11 रैपिड आपके बीच में आते हैं जिसमें दो मेजर रैपिड होते हैं जिसमें आपको गिरने की संभावना रहती है लेकिन आपको अगर अनुभव है तो आप उसमें गिरेंगे नहीं। अगर गिर भी गए तो डूबने की संभावना है आपकी नहीं रहेगी क्योंकि आपके पास लाइफ जैकेट है। इसलिए आपको राफ्टिंग से घबराना नहीं चाहिए।
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किन लोगों को राफ्टिंग नहीं करनी चाहिए।
ऐसे व्यक्ति जो दिल के मरीज हैं या जिनको डायबिटीज हैं या जो बीमार है या जिनको चक्कर आते हैं उन लोगों को राफ्टिंग नहीं करनी चाहिए स्वच्छ स्वस्थ व्यक्ति ही राफ्टिंग कर सकता है। राफ्टिंग के समय अगर आप नदी में कूद गए तो क्या होगा। ऋषिकेश में जब आप गंगा नदी में रिवर राफ्टिंग करते हैं तो अगर रैपिड में आप गिर गए तो आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है जिसमें आप राफ्टिंग के लिए गए हैं उसे ट्यूब के आसपास रस्सी होती हैं उसे रस्सी को आप पकड़ के रखिए। और एक समय जब राफ्टिंग में आपके साथ एक राइडर होता है वह आपको निर्देश भी देता है. कि अब आप नदी में कूद सकते हैं क्योंकि उसे समय तक सभी रैपिड आप पर कर चुके होते हैं और उसे समय आप नदी में नहा सकते हैं और नदी के पानी का भरपूर लुफ्त उठा सकते हैं वास्तव में जब आप नदी में कूदोगे तो आपको बहुत ही अच्छी अनुभूति होगी।
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