India and Russia Relationship//पर वैश्व व्यवस्था का प्रभाव

India and Russia Relationship//पर वैश्व व्यवस्था का प्रभाव

India and Russia Relationship

India and Russia Relationship वर्तमान विश्व व्यवस्था में भारत और रूस दो घनिष्ठ मित्र हैं लेकिन बदलती परिस्थितियों में यूक्रेन और रूस का युद्ध हो और या अन्य क्षेत्रों में बदलती हुई परिस्थितियों में अमेरिका और चीन का बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा अमेरिका और रूस के बीच में बढ़ता तनाव साथी पश्चिम और उसके बीच संबंधों में लगातार गिरावट इन सभी ने भारत और रूस दोनों को प्रभावित किया है भारत और रूस के बीच होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन 2000 से लगातार हो रहे हैं लेकिन इस बीच दिसंबर 2022 में होने वाला शिखर सम्मेलन रद्द कर दिया गया है ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारत और रूस के मध्य शिखर सम्मेलन नहीं हो रहा हैIndia and Russia Relationship

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क्योंकि बदलती वैश्विक परिस्थितियों ने विश्व के विभिन्न देशों के आपसी संबंधों को प्रभावित किया है रूस भारत का पुराना मित्र है और विभिन्न मोर्चों पर भारत का पक्ष लिया हैIndia and Russia Relationship भारत के साथ व्यापारिक संबंध भी मजबूत है यह शिखर सम्मेलन नहीं होना दोनों देशों के संबंधों पर कुछ प्रभाव अवश्य पड़ेगा लेकिन भारत हमेशा अपनी गुटनिरपेक्षता की नीति पर कायम रहा है रूस और यूक्रेन के युद्ध की परिस्थितियों में भारत ने हमेशा शांति के साथ वार्तालाप करने के लिए कहा है और रूस ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने में भारत की बहुत मदद की थी लेकिन भारत और रूस शिखर सम्मेलन शेड्यूलिंग संबंधी अड़चनों की वजह से रद्द किया गया है दोनों नेताओं की मुलाकात सितंबर 2022 में हुई थी जहां समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और व्लादीमीर पुतिन के बीच  मुलाकात हुई थी

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भारत और रूस संबंधों के विभिन्न पहलू।India and Russia Relationship

भारत और रूस के संबंध काफी पुराने हैं अक्टूबर 2000 में भारत रूस सामरिक साझेदारी घोषणा पर हस्ताक्षर करने के बाद से भारत और उसके संबंधों ने राजनीतिक सुरक्षा रक्षा व्यापार अर्थव्यवस्था विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा संस्कृति सहित द्विपक्षीय संबंधों के लगभग सभी क्षेत्रों में सहयोग के बड़े वस्त्रों के साथ एक गुणात्मक रूप से नया स्वरूप देखा गया है शीत युद्ध के दौरान भारत और सलूशन के बीच एक मजबूत रणनीतिक आर्थिक और राजनयिक संबंध थे हालांकि रूस के चीन और पाकिस्तान के साथ भी अच्छे संबंध हैं जिसके कारण कई बार भारत के लिए भू राजनीतिक मुद्दों का कारण बना है भारत के प्रधानमंत्री और रोशन के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन भारत और रूस के बीच राजनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत वार्ता तंत्र है वर्ष 2019 में राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च सम्मान सम्मान आर्डर ऑफ सेंट एडीयू द पोस्टल प्रदान किया गया था रूस और भारत के बीच एक विशेष अधिकार प्राप्त हैIndia and Russia Relationship रणनीतिक साझेदारी के विकास और रूसी और भारतीय लोगों के बीच महत्वपूर्ण संबंधों के विकास में उनके विशिष्ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री को यह पुरस्कार प्रदान किया गया था

India and Russia Relationship//पर वैश्व व्यवस्था का प्रभावIndia and Russia Relationship

रक्षा संबंध। संबंधों का सबसे मजबूत स्तंभ रक्षा क्षेत्र में है s-400 डिफेंस सिस्टम वायु रक्षा प्रणाली भारत को चीन और पाकिस्तान के खिलाफ महत्वपूर्ण रणनीतिक निवारक प्रदान करती है यही वजह है कि भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों की धमकियों के बावजूद इस खरीद को आगे बढ़ाया रक्षा थिंकटैंक सिपरी के एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक है रूस भारत का सबसे बढ़िया हथियार आपूर्तिकर्ता बना हुआ है हालांकि से धारी 70% से घटकर 49% रह गई है 2011 और 2015 के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका रूस के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता था लेकिन 2016 और 2021 के बीच यह फ्रांस और इजराइल से पीछे रह गया पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू जेट कार्यक्रम सुखोई su-30mki l. सामरिक परिवहन विमान कुछ युद्धपोत मेक इन इंडिया पहल के तहत भारत में बनेगी 200 कामोव के 226 T 90 भीष्म टैंक आदि प्रमुख रक्षा और सुरक्षा के संबंधों में भारत के साथ अच्छे संबंध है

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   व्यापारिक संबंध। दोनों देश वर्ष 2025 तक द्विपक्षीय निवेश को 50 अरब अमेरिकी डॉलर और द्विपक्षीय व्यापार को 30 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने का जोर दे रहे हैं 2013 से 2016 तक दोनों देशों के बीच व्यापार प्रतिशत में बड़ी गिरावट आई थी हालांकि 2017 से बड़ा और 2018 और 2019 में लगातार वृद्धि हो रही है भारत के रूस के साथ अच्छे राजनीतिक संबंध के बावजूद रूस के साथ भारत का व्यापार संबंधी स्थित है उर्जा संबंध।    भारत की तेल मांग 2030 तक बढ़कर 10 मिलियन बैरल प्रतिदिन होने की उम्मीद है जो वर्तमान में 5.05 मिलन बैरल प्रतिदिन है रूस के पास ऊर्जा अधिशेष है इस प्रकार यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें दोनों देशों का हित है तेल और गैस परियोजना में कुल $30000 से अधिक के निवेश के साथ रूस भारत का सबसे लोकप्रिय साथी रहा है 2020 में सरकार के स्वामित्व वाली इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने प्रतिवर्ष 2 मिलियन टन कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है साथ ही रूस यूक्रेन युद्ध के परिणाम स्वरूप रूस ने भारत को सस्ते दामों पर तेल और गैस देने का वादा किया है उस वादे के अनुसार भारत अतिरिक्त कच्चा तेल से आयात कर रहा है और आने वाले समय में यह आयात और अधिक बढ़ने की संभावना है जहां विश्व के अन्य देशों ने रोष से युद्ध के परिणाम स्वरूप तेल और गैस लेने से मना कर दिया था भारत  तेल एवं गैस रसिया से खरीद रहा है।

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 भारत और रूस के संबंधों के समक्ष चुनौतियां।India and Russia Relationship

बदलती भी विश्व की व्यवस्था में विश्व के विभिन्न देशों के आपसी संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है अमेरिका और रूस की प्रति जनता ने अनेक देशों को प्रभावित किया है जब से यूक्रेन संकट बढ़ा है तभी से अमेरिका और रूस के संबंध के बीच काफी तनाव की स्थिति को देखा जा रहा है रूस ने अपने स्वयं के पूर्व की ओर दूरी को फिर से शुरू करके चीन के साथ संबंध मजबूत किए हैं इसके साथ तुर्की ईरान और पाकिस्तान के साथ भी संबंध को सुधारा है भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच मजबूत होते सामरिक सहयोग ने रूस को चिंतित कर दिया है जो  उत्तर पश्चिम देशों की ओर बढ़ रहा है रूस का मानना है कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपने विस्तारित संबंध के परिणाम स्वरूप वैश्विक मंच पर अपने हितों के लिए पूरी तरह समर्पित नहीं हो पाता है ईरान प्रतिबंध भारत रूस सहयोग को बाधित करते हैं इसलिए भारत को रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंधों को संतुलित करने के लिए एक समाधान खोजना होगा भारत के दृष्टिकोण के अनुसार रूस पर चीन का बढ़ता प्रभाव क्षेत्र में कई चिंताएं पैदा करता है जबकि रूस और चीन को संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपने संघर्ष के प्रबंधन में एक प्रमुख सहयोगी के रूप में देखता है रूस और चीन को प्राकृतिक गैस  रक्षा प्रौद्योगिकी के साथ-साथ निवेश के अवसर प्रदान करता है जिससे चीनी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है

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आगे की दिशा।

भारत और रूस  घनिष्ठ मित्र हैं परिस्थितियों में जहां रूस और चीन जैसे एक शक्तिशाली पड़ोसी पर निर्भर रहने के खतरों से अच्छी तरह परिचित है आज लगभग 15 ट्रिलियन डॉलर की  की चीनी अर्थव्यवस्था रोज की तुलना में लगभग 10 गुना बढ़ी है पश्चिमी देशों के साथ उसके संबंधों का पुनर्निर्माण खिलार काफी मुश्किल है भारत के साथ अपने सहयोग को बनाए रखना रूस के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है रूम से मानता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ भारत का सामरिक सहयोग काफी बढ़ गया है और भारतीय मानता है कि उसका चीन और रूस रणनीतिक साझेदारी पर कोई वीटो नहीं है रूस और भारत वास्तविकता  के साथ तालमेल बिठा रहे हैं और इस प्रक्रिया में अपने राजनीतिक संबंधों को फिर स्थापित कर रहे हैं रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों एक ही समय में भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने का प्रयास करें यह भारत को दोनों पक्षों के साथ वास्तविक संवाद बनाए रखने का एक अवसर प्रदान करता है एक के साथ संबंधों को बेहतर करना दूसरे के साथ संबंधों की कीमत पर नहीं होना चाहिए एक दूसरे के महत्व को स्वीकार करना चाहिए रूस आने वाले दशकों तक भारत के लिए एक प्रमुख रक्षा भागीदार बना रहेगा इसलिए इस बदलती भी वैश्विक परिस्थितियों में भारत को अपने रूस के साथ संबंधों को और अधिक मजबूत करना चाहिए

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