Changes in the pattern of 12th and 10th examination
Changes in the pattern of 12th and 10th examination आखिरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क एनसीएस का फार्मूला जारी कर दिया गया है अब बोर्ड परीक्षा भी होगी दो टुकड़ों में साथ ही पिछली कक्षाओं के अंक भी जुड़ेंगे बोर्ड कक्षाओं की अंक तालिका में नई शिक्षा नीति के मद्देनजर के प्रस्ताव में इस एनसीआर के प्रस्ताव में आर्ट्स,साइंस और कॉमर्स के विभाजन को भी हटाने का प्रस्ताव रखा गया है वैसे कोरोना काल में भी परीक्षाएं दो टुकड़ों में ली गई थी और अभी हाल ही में निर्णय के अनुसार इस व्यवस्था को स्थाई बनाया जाएगा नया फार्मूला आगामी सत्र 24-25 में लागू हो सकता है
भारत यूएई CEPA समझौता
10वीं 12वीं में कैसे करेंगे विषय का चयन
कैसे होगा विषय का चयन।
नए फार्मूले के अनुसार 10+2 के स्थान पर इसे 5+3+3+4 के रूप में से लागू किया गया है इस फॉर्मेट में इस फॉर्मेट में आगे के 4 वर्षों के लिए नौवीं से 12वीं के लिए विषय का चयन मैं काफी लचीलापन रखा गया है और इसे 8 भागों में बांटा गया है जिसमें मैथमेटिक्स कंप्यूटिंग वोकेशनल एजुकेशन सोशल साइंस सोशल साइंस साइंस इंटर डिसीप्लिनरी सब्जेक्ट ह्यूमैनिटीज इस प्रकार यह सब्जेक्ट 4 साल में भी दो चरणों में पढ़ाई जाएंगे चीन में नौवीं और दसवीं में सोशल साइंस साइंस और उन्नति के सब्जेक्ट पढ़ाई जाएंगे साथ ही दूसरे फेज में 11वीं 12वीं में इतिहास भौतिक विज्ञान और भाषा की पढ़ाई की जाएगी साथी नौवीं और दसवीं के विद्यार्थियों को अलग-अलग हिस्सों में बांटने का प्रावधान नहीं है नौवीं और दसवीं के विद्यार्थियों के लिए इन 8 विषयों में से प्रत्येक समूह में से दो विषयों का चुनाव करना पड़ेगा यानी 16 विषय 2 वर्ष में पढ़ने होंगे दोनों कक्षाओं में वार्षिक परीक्षा का आयोजन किया जाएगा लेकिन इसके लिए सेमेस्टर सिस्टम का भी विकल्प उपलब्ध रहेगा नौवीं और दसवीं में नौवीं और दसवीं में दोनों में 8_8 विषय पास करने होंगे साथ ही दसवीं के अंकतालिका में नौवीं के अंकों को भी शामिल किया जाएगा इसी तरह 11वीं और 12वीं कक्षा में भी पाठ्यक्रम इस प्रकार रहेगा कि दोनों वर्षों के लिए 8 सब्जेक्ट्स समूह में से 4 विषयों का अध्ययन करना होगा इन दोनों वर्षो में परीक्षा पद्धति में सेमेस्टर सिस्टम के अनुसार होगी कक्षा 12 को तीन करने के लिए छात्र को 16 पेपर पास करने होंगे जिनमें 8 मैं से 3 सब्जेक्ट्स समूह में से अपने 4 सब्जेक्ट का चुनाव करना होगा। उदाहरण के लिए अगर कोई विद्यार्थी सोशल साइंस का चुनाव करता है तो उसमें से हिस्ट्री सब्जेक्ट अगर वह चुनता है तो तो उसे हिस्ट्री के-4 पेपर लेने होंगे इसी प्रकार अगर कोई भी मैथमेटिक्स समूह का चुनाव करता है तो उसमें से कंप्यूटर साइंस लेता है तो उससे इसके चार कोर्स करने होंगे। सीबीएसई बोर्ड 12th और 10th की एग्जाम कैसे होगी। सीबीएसई बोर्ड ने मूल्यांकन के तरीके में बदलाव कर मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन अधिक पूछने और सॉर्ट व लॉन्ग आंसर क्वेश्चन का वेटेज कम करने का फैसला किया है 2023 -24 की बोर्ड परीक्षा पद्धति में एमसीक्यू का पेपर में वेटेज 50%होगा , 12वी की बोर्ड परीक्षा में 40% होगा
Changes in the pattern of 12th and 10th examination
कब -कब पाठ्यक्रम चेंज हुआ है।
देश आजाद होने के बाद में 1975, 1988, 2000 और 2005 में नेशनल कैरिकुलम फ्रेमवर्क लागू किया गया था बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में भी यह बदलाव पहली बार नहीं हो रहा है इसे पहले भी हो चुका है 2009 में दसवीं बोर्ड के लिए सतत एवम व्यापक मूल्यांकन पद्धति लागू की गई जो 2017 में वापस ले लिया।
आगे की दिशा।
निश्चित रूप से नवीन शिक्षा नीति के द्वारा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में काफी मदद मिलेगी विद्यार्थी अपने मनपसंद के विषय के साथ अध्ययन कर सकेंगे जिससे वह किसी भी सेक्टर में आसानी से जा सकेंगे RELETED LINK