अरुधरा मध्यम शक्ति रडार
सुर्खियों में क्यों?
- अरुधरा मध्यम शक्ति रडार रक्षा मंत्रालय (MoD) ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ “अरुधरा” मध्यम शक्ति रडार (MPR) और राडार वार्निंग रिसीवर्स भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए के दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं।
DNA प्रोफाइलिंग // पालतू हाथियों के आधार कार्ड
अरुधरा”
- एमपीआर (अरुधरा) रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इस रडार को स्वदेशी रूप से डिजाइन व विकसित किया है। इसका निर्माण बीईएल करेगी।
- अरुधरा यह हवाई लक्ष्यों की निगरानी और पता लगाने के लिए दिगंश व उन्नयन, दोनों में इलेक्ट्रॉनिक स्टीयरिंग के साथ एक 4डी मल्टी-फंक्शन चरणबद्ध एरे रडार है।
- इस प्रणाली में एक साथ स्थित चिन्हित मित्र या शत्रु प्रणाली से पूछताछ के आधार पर लक्ष्य की पहचान होगी।
- यह स्वचालित रूप से लड़ाकू विमानों से लेकर बैलिस्टिक मिसाइलों से लेकर धीमी गति से चलने वाले लक्ष्यों का पता लगा सकता है और उन्हें ट्रैक कर सकता है।
- यह स्थिर होने के साथ 360 डिग्री के लिए घुमाया जा सकता है।
वार्निंग रिसीवर्स वारफेयर
- डीआर-118 रडार वार्निंग रिसीवर एसयू-30 एमकेआई विमान की इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (ईडब्ल्यू) क्षमताओं में काफी बढ़ोतरी करेगा।
- इसके अधिकांश उप-संयोजन और पुर्जे स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त किए जाएंगे। यह परियोजना एमएसएमई सहित भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने के साथ उसे प्रोत्साहित करेगी।
- इसके अलावा यह साढ़े तीन साल की अवधि में लगभग दो लाख मानव-दिवस का रोजगार सृजित करेगी।
अरुधरा मध्यम शक्ति रडार
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