स्मारक सिक्का
सुर्खियों में क्यों?
स्मारक सिक्का नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 75 रुपये के
मूल्यवर्ग के एक नए स्मारक सिक्के का अनावरण किया गया।
विशेषताएँ
नवीनतम 75 रुपये का सिक्का गोलाकार है
और इसका व्यास 44 मिमी है। सिक्के की
संरचना एक चतुर्धातुक मिश्र धातु है। इसमें
50% चांदी, 40% तांबा, 5% निकल और
5% जस्ता है।
शिलालेख
- सिक्के का अग्र भाग मध्य में अशोक
स्तंभ का सिंह शीर्ष होगा, जिसके नीचे
सत्यमेव जयते लिखा होगा, बायीं परिधि पर देवनागरी लिपि में भारत शब्द होगा और दायीं
परिधि पर इंडिया शब्द अंग्रेजी में होगा।
- सिक्के का दूसरा पहलू नए संसद भवन की छवि प्रदर्शित करता है। सिक्के की ऊपरी
परिधि पर देवनागरी लिपि में संसद संकुल और निचली परिधि पर अंग्रेजी में पार्लियामेंट
कॉम्प्लेक्स शब्द लिखा हुआ है।
स्मारक सिक्कों की पृष्ठभूमि
भारत 1960 के दशक से कई कारणों से स्मारक सिक्के जारी कर रहा है, जैसे
उल्लेखनीय व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि देना, सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता
फैलाना या प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं को याद करना।
देश ने अपना पहला स्मारक सिक्का वर्ष 1964 में जवाहरलाल नेहरू के सम्मान में जारी
किया था, जिनका उस वर्ष निधन हो गया था।
डिजाइन और सिक्के ढालने की प्रक्रिया
कॉइनेज एक्ट, 2011 केंद्र सरकार को विभिन्न मूल्यवर्ग के सिक्कों को डिजाइन करने
और ढालने का अधिकार देता है।
सिक्कों के मामले में आरबीआई की भूमिका केंद्र सरकार द्वारा आपूर्ति किए गए सिक्कों
के वितरण तक सीमित है।
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सभी सिक्के मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में भारत सरकार के स्वामित्व वाली
चार टकसालों में ढाले जाते हैं।
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